चंडीगढ़। महामारी के चलते हरियाणा के युवा भले ही इस बार कांवड़ नहीं ला पाएंगे, लेकिन सावन के पहले ही दिन उनकी बड़ी मुराद पूरी हो गई। अब निजी क्षेत्र में 50 हजार रुपये तक मासिक तनख्वाह वाली 75 फीसद नौकरियां स्थानीय युवाओं को मिलेंगी। अगर कोई कंपनी, फैक्टरी, संस्थान या ट्रस्ट अपने कर्मचारियों की जानकारी छिपाएगा तो उस पर एक लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
निकाले नहीं जाएंगे पहले से लगे कर्मी, एक्सपर्ट नहीं मिले तो श्रम विभाग देगा बाहर से कर्मचारी लाने की मंजूरी
संशोधित कानून के तहत जो कंपनी अपने कर्मचारी की सूचना रजिस्टर्ड नहीं कराएगी, उस पर हरियाणा स्टेट इंप्लायमेंट टू लोकल कैंडिडेट्स एक्ट-2020 के सेक्शन-तीन के तहत 25 हजार रुपये से एक लाख रुपये तक जुर्माना किया जाएगा। इसके बावजूद फिर कानून का उल्लंघन करने पर रोजाना पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा।
दस से अधिक कर्मचारियों वाले संस्थानों पर लागू
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि संशोधित कानून उन सभी प्रतिष्ठानों पर लागू होगा जहां दस से अधिक कर्मचारी हैं। आरक्षण का लाभ लेने के लिए युवाओं के पास हरियाणा का स्थायी निवासी प्रमाणपत्र (डोमिसाइल) होना अनिवार्य है। रोजगार प्रदाता को प्रदेश में निपुण अथवा योग्य कर्मचारी की उपलब्धता न होने पर इसकी सूचना श्रम विभाग को देनी होगी। श्रम विभाग संबंधित फर्म को कर्मचारियों को सक्षम बनाने या अन्य राज्य के युवाओं को नौकरी देने के लिए अनुमति देगा।