नई दिल्ली। अमेरिकी खुफिया एजेंसी भी भारत-चीन के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प पर नजर बनाये हुए है, अब इन्हीं खुफिया एजेंसियों ने इस मामले पर एक रिपोर्ट दी है, जिसमें चीन के मंसूबों का पर्दाफाश होता नजर आ रहा है, रिपोर्ट में दावा किया गया है, कि चीन ने कभी सोचा नहीं था, कि गलवान घाटी में कब्जा जमाने के लिये उसे संघर्ष का सामना करना पड़ेगा, लेकिन उसका अंदाजा गलत निकला, 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए, लेकिन 35 चीनी सैनिकों को भी मौत के घाट उतार दिया, हालत ये है कि अपने मारे गये सैनिकों की याद में चीन खुफिया तरीके से प्रार्थना सभा का आयोजन करने के लिये मजबूर है।
यूएस न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार चीन ने बकायदा लद्दाख के उस हिस्से पर कब्जा जमाने के लिये चीनी फौज के बेस्ट थियेटर कमांडर के प्रमुख जनरल झाओ झोंग्की को जिम्मेदारी सौंपी थी, गलवान घाटी में प्लानिंग के अनुसार पहले ही काफी हथियार जमा कर लिया गये थे, अपनी सेना के रहने के लिये इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया गया था, झाओ के कहने पर ही चीनी सेना ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया था।
इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि 15 जून को भारतीय फौज के कुछ अधिकारी और जवान चीन से बात करने पहुंचे थे, तो चीनी सैनिक पहले से ही हथियारों के साथ घात लगाकर बैठे थे, उनका प्लान भारतीय सेना के अधिकारियों को उकसाना था, इसमें वो सफल भी रहे, हालांकि पास भी भारतीय जवानों की एक टुकड़ी गश्त कर रही थी, वो बचाव के लिये तुरंत आ गई और एकतरफा झड़प हिंसक झड़प में तब्दील हो गया, रिपोर्ट के अनुसार जनरल झाओ झोंग्की इससे पहले वियतनाम की लड़ाई और फिर 2017 में हुए डोकलाम विवाद में भी अहम भूमिका निभा चुके हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन नहीं चाहता है कि भारतीय फौज के साथ संघर्ष में मारे गये कुल सैनिकों की संख्या लोगों के सामने आये, इसी वजह से चीनी सेना अपने मारे गये सैनिकों के लिये छुपकर एक मेमोरियल सर्विस रखी, ये प्रार्थना सभा ना सिर्फ गुप्त रही, बल्कि इससे जुड़ी तस्वीरें और वीडियोज भी सोशल मीडिया से हटा दिया गया, इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत-अमेरिका की नजदीकियों से चीन काफी परेशान है, चीन चाहता है कि भारत अपने आस-पास के देशों से ही उलझकर रह जाए, ताकि अमेरिका से दूरी बनी रहे।
भारतीय सेना को जिम्मेदार बता रहे
रिपोर्ट के मुताबिक एक प्लान के तहत चीनी विदेश मंत्रालय पूरी झड़प के लिये भारतीय फौज को जिम्मेदार बता रही है, विदेश मंत्रालय लगातार यही कह रहा है कि भारतीय सेना ने सीमा पार की और चीनी फौजियों पर हमला किया, चीनी सेना ने अपने बचाव के लिये हिंसा का प्रयोग किया था, अमेरिका ने स्पष्ट कहा है कि उसका पूरा समर्थन भारत के साथ है, इस मामले पर अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने चीन को कड़ा संदेश भी दिया है, हालांकि राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही भारत-चीन बातचीत के जरिये इस विवाद को सुलझा लेंगे।