प्रयागराज/लखनऊ। 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में मोस्ट वांटेड स्कूल प्रबंधक चंद्रमा यादव ने अपने स्कूल से ही पेपर आउट कराया था। सूत्रों के मुताबिक एसटीएफ की अब तक की जांच में पता चला है कि इसके बाद डॉ कृष्ण लाल पटेल ने सॉल्वर गैंग से पेपर को हल कराया और फिर 50 अभ्यर्थियों को नकल कराई गई थी। इस फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद स्कूल प्रबंधक चंद्रमा यादव की तलाश में लगी एसटीएफ उस पर इनाम घोषित कराने जा रही है।
जांच में हुआ खुलासा
69000 सहायक शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा करने वाले रैकेट का खुलासा होने के बाद सोरांव पुलिस ने डॉ केएल पटेल समेत 11 को जेल भेजा था। पुलिस ने इस प्रकरण में स्कूल प्रबंधक चंद्रमा यादव को वांछित किया था। स्कूल प्रबंधक चंद्रमा यादव की तलाश में एसटीएफ छापेमारी कर रही है। वह इस प्रकरण में मोस्ट वांटेड बना हुआ है। उसके गिरफ्तारी के साथ ही कई राज खुलेंगे, जिससे पता चलेगा कि वह किसकी मदद से सारा खेल करता था।
पंचम लाल विद्यालय से पेपर आउट
पुलिस और एसटीएफ को अब तक की पड़ताल में पता चला कि धूमनगंज निवासी चंद्रमा यादव का टीपी नगर, धूमनगंज में पंचामलाल आश्रम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय है। चंद्रमा यादव की सेटिंग ऐसी थी कोई भी प्रतियोगी परीक्षा हो उसका सेंटर पंचमलाल आश्रम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में जरूर होता था। टीईटी में भी उसके स्कूल में सेंटर बना था। इस दौरान वह फर्जीवाड़ा करने के पहले ही पकड़ा गया। 69000 सहायक शिक्षक भर्ती के दौरान भी चंद्रमा यादव ने अपने स्कूल से ही पेपर आउट कराया था। इसके बाद उसे व्हाट्सएप पर डॉ कृष्ण लाल पटेल को भेजा। डॉ कृष्ण लाल पटेल ने अपने सॉल्वर गैंग की मदद से सभी प्रश्नों को तत्काल हल कराया।
रेलवे भर्ती में भी सक्रिय था यह गैंग
फरवरी 2019 में हुई रेलवे भर्ती बोर्ड की परीक्षाओं में नकल कराने में डॉ. केएल पटेल के गैंग को पकड़ा गया था। इस संबंध में मुकदमा भी दर्ज किया गया था। इसी तरह टीईटी 2019 की 8 जनवरी 2019 में हुई परीक्षा में भी इस गैंग ने 45 अभ्यर्थियों को नकल कराने का ठेका लिया था लेकिन परीक्षा से दो दिन पहले ही चंद्रमा यादव को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया था। इस कारण गैंग को पेपर उपलब्ध नहीं हो पाया था। चंद्रमा कुछ माह पहले ही जमानत पर छूटकर आया था।