नई दिल्ली। दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता तजिंदर बग्गा ने एक बार फिर से ये कह कर तूफान खड़ा कर दिया है कि 1984 मे हुए सिख नरसंहार में हजारों सिखों के कत्लेआम के पीछे राजीव गाँधी का हाथ था। सोमवार (मई 24, 2020) को बग्गा ने ट्विटर पर एक पुराना वीडियो क्लिप शेयर किया, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ये कह कर सिखों के नरसंहार को जायज ठहरा रहे हैं कि जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती ही है।
यहाँ ‘बड़े पेड़’ से उनका आशय उनकी माँ और देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी से था, जिनकी उनके दो सिख अंगरक्षकों ने हत्या कर दी थी। इसके बाद से ही पूरे देश में, खासकर उत्तर प्रदेश में सिखों का नरसंहार शुरू हो गया था। ताज़ा प्रकरण को लेकर ऑपइंडिया से बात करते हुए दिल्ली के हरि नगर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी रहे तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने कहा:
“कॉन्ग्रेस देश को ये संदेश देना चाहती है कि जो कोई भी गाँधी परिवार के खिलाफ बोलने कि हिमाकत करेगा, उसे चुप करा दिया जाएगा। ये सब कुछ योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है। अर्नब गोस्वामी, सुधीर चौधरी और सम्बित पात्रा के बाद अब मेरे पर एफआईआर दर्ज किया गया है। एक महीने के भीतर 4 लोगों पर इस तरह से एफआईआर हुए, वो भी कॉन्ग्रेस शासित राज्यों में, या फिर कॉन्ग्रेस के साथी दलों द्वारा शासित राज्यों में। जैसे, महाराष्ट्र में। पार्टी का सीधा संदेश है कि अगर एक परिवार के विरुद्ध मुँह खोलोगे तो तुम्हें प्रताड़ित किया जाएगा, तुम्हारे खिलाफ केस दायर किया जाएगा। “
Murdrer Rajiv Gandhi justifying his Sins in Congress Rally#RajivGandhiIsMurderer pic.twitter.com/4AzUJQvjN7
— Tajinder Pal Singh Bagga (@TajinderBagga) May 25, 2020
जब तजिंदर बग्गा से हमनें पूछा कि आखिर 35 साल बाद गड़े मुर्दे उखाड़ने कि क्या जरूरत है और इतनी पुरानी घटना को आज याद करने कि प्रसंगिकता क्या है, तो उन्होंने जवाब दिया कि ऐसा करना इसीलिए आवश्यक है क्योंकि जिन्होंने सिखों का नरसंहार किया था वो आज भी जिंदा हैं। उन्होंने ध्यान दिलाया कि आज जब नैतिकता कि सारी हदें पार करते हुए पीएम मोदी के लिए ‘मौत का सौदागर’ और ‘कॉकरोच’ जैसे शब्दों का प्रयोग किया जाता है, लोगों को ये बताना जरूरी है कि जिन्हें दशकों से नायक के रूप मे प्रचारित किया गया, उनकी सच्चाई क्या थी।
बग्गा ने मणिशंकर अय्यर जैसों का नाम लिए बिना कहा कि वो लोग तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपदस्थ करने के लिए पाकिस्तान के पास भी मदद माँगने जाते हैं। बग्गा ने कहा कि देश के किसी भी सिख परिवार से पूछ लो कि 1984 नरसंहार के लिए कौन जिम्मेदार था, सभी एक ही नाम बताएँगे। उन्होंने अभिव्यक्ति की आजादी के तथाकथित चैंपियंस के बारे मे कहा कि वो लोग तब हमेशा चुप रहते हैं, जब कॉन्ग्रेस उन्हें चुप कराने की कोशिश करती है, जिन्होंने गाँधी परिवार की आलोचना की हो।
बग्गा ने कहा कि जब भी भरत के टुकड़े-टुकड़े करने का नारा लगाने वाले कन्हैया कुमार और हिन्दुत्व की कब्र खोदने की बात करने वालों के खिलाफ कुछ एक्शन लिया जाता है, अभिव्यक्ति की आजादी के ठेकदार अपना झुनझुना लेकर आ जाते हैं। वहीं, जब राजीव गाँधी के बारे मे कुछ बोलने पर किसी को चुप कराया जाता है तो वो बिल मे छिप जाते हैं। तजिंदर बग्गा ने ऐसे लोगों को सबसे बड़ा दोहरे रवैये वाला बताया।
हालिया एफआईआर से निपटने के लिए उठाए गए कानूनी कदमों के बारे मे जानकारी देते हुए बग्गा ने बताया कि इस मामले को कोर्ट मे वकील देखेंगे लेकिन वो अभी भी अपने बयान पर कायम हैं। उन्होंने पूछा कि अगर राजीव गाँधी का सिख नरसंहार मे हाथ नहीं होता तो जगदीश टाईटलर और सज्जन कुमार जैसों के पास इतनी ताकत कहाँ से आती? उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे नेताओं को सिख नरसंहार के बाद मंत्रिपद देकर नवाजा गया।
बता दें कि सज्जन कुमार फिलहाल सिख नरसंहार मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। वहीं जगदीश टाईटलर पर कई आरोप हैं लेकिन वो दोषी नहीं पाए गए। रकाबगंज गुरुद्वारा में सिखों को जिंदा जलाने के मामले में कमलनाथ पर भी आरोप थे लेकिन अब तक ये कोर्ट मे साबित नहीं हो सका है।
कॉन्ग्रेस ने आरोप लगाया कि बग्गा ने राजीव गाँधी पर अपमानजनक टिप्पणी की है और साथ ही सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास किया है। कॉन्ग्रेस यूथ कॉन्ग्रेस अध्यक्ष पंकज वाधवानी ने तजिंदर बग्गा के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कराया। इसकी सूचना ‘यूथ कॉन्ग्रेस’ ने सोशल मीडिया के माध्यम से दी। कॉन्ग्रेस ने साथ ही उन्हें ‘नफरत का वायरस’ करार दिया और कहा कि ऐसे किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
बता दें कि तजिंदर बग्गा हरि नगर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी रह चुके हैं। हारने के बावजूद उन्होंने अपने घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा करने का संकल्प लिया था। जहाँ क्षेत्र के वर्तमान विधायक से लोग निराश हैं, बग्गा कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच उनकी मदद कर रहे हैं। देश के विभिन्न इलाक़ों में लोगों तक राशन पहुँचाने के लिए उन्होंने दिन-रात एक कर दिया। इससे उनकी ख़ूब वाहवाही हुई है। उन्होंने दिल्ली दंगा के पीड़ितों की भी मदद के लिए रुपए जुटाए थे।