नई दिल्ली। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने धार्मिक ट्रस्टों में रखे सोने के भंडार का इस्तेमाल करने वाले बयान पर सफाई दी है. आजतक से खास बातचीत करते हुए पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) मेरे बयान पर राजनीति कर रही है. हालांकि पृथ्वीराज चव्हाण ने भी माना कि उन्हें दूसरे शब्दों में कहना चाहिए था. साथ ही उन्होंने कहा कि ये उनकी निजी राय है, पार्टी की नहीं.
बता दें कि पृथ्वीराज चव्हाण ने 13 मई को एक ट्वीट करते हुए कहा था कि देश में धार्मिक ट्रस्टों के पास एक ट्रिलियन डॉलर का सोना पड़ा हुआ है. सरकार को कोरोना संकट से निपटने के लिए इस सोने का तुरंत इस्तेमाल करना चाहिए. इस आपातकालीन स्थिति में सोने को कम ब्याज दर पर सोने के बॉन्ड के माध्यम से उधार लिया जा सकता है.
उनके इस बयान के बाद बीजेपी हमलावर हो गई थी. बीजेपी नेता संबित पात्रा ने कहा कि मुझे इस बात में कोई संदेह नहीं है कि कांग्रेस और मुगल आक्रमणकारी में कोई अंतर है. मुगलों ने मंदिर को लूटा साथ ही ईस्ट इंडिया कंपनी और सोनिया की कांग्रेस में भी कोई ज्यादा अंतर नहीं है, क्योंकि इन दोनों ने भारत की धन और संपत्ति को लूटा. कांग्रेस हिंदुओं से नफरत करती है.
कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि मैंने सोच-समझकर सभी धार्मिक संस्थाओं की बात की थी. और ये भी बात है कि ये लोन के रूप में लिया जाए. मैंने ये भी गुजारिश की थी कि इस पर एक दो फीसदी ब्याज दिया जाए. और ये कोई नई कल्पना नहीं है.
उन्होंने कहा कि 1998 में जब हम पर इकॉनोमिक पाबंदी लगी थी, तब प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सितंबर 1999 में गोवा में गोल्ड डिपॉजिट स्कीम की शुरुआत की थी. तब काफी संख्या में सोना आया था. सबसे बड़ी बात है कि उसी स्कीम को लेकर प्रधानमंत्री मोदी और स्वर्गीय अरुण जेटली ने नवंबर 2015 में दूसरे नाम से एक स्कीम लाए थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र की ओर से लागू की गई ये स्कीम जब शुरू हुई तो आठ मंदिरों में जिसमें चार तमिलनाडु , महाराष्ट्र, जम्मू और कश्मीर और आंध्र प्रदेश के थे, इन मंदिरों ने सोना जमा किया. साल 2020 तक 20.5 टन सोना आ चुका है. तिरुपति मंदिर ने 4 टन सोना दिया है. उन्होंने कहा कि लोकसभा के जवाब के मुताबिक, 2952 इकाइयों ने सरकार को सोना दिया है. मैंने धर्म की बात नहीं ही की है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि मैंने जो बयान दिया था वो मेरी निजी राय थी. ये कांग्रेस की राय नहीं है. मुझे दूसरे शब्दों में कहना चाहिए था. साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी मेरे बयान पर राजनीति कर रही है. मैंने कोई गलती नहीं की है.