लखनऊ। यूपी सरकार ने महामारी कोविड-19 विनियमावली में संशोधन करते हुए कोरोना वॉरियर्स पर हमले को दंडनीय अपराध बना दिया है. सरकार ने एपिडेमिक एक्ट के संशोधन को मंजूरी दे दी है. राज्यपाल की मंजूरी के बाद चिकित्सा विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी की है.
उत्तर प्रदेश महामारी कोविड-19 (प्रथम संशोधन) विनियमावली 2020 की अधिसूचना जारी कर दी गई है. 30 जून 2020 या अगले आदेश तक विनियमावली संशोधन को प्रभावी किया गया है. कोरोना वॉरियर्स पर हमले के मामलों को एपिडेमिक एक्ट के तहत अपराध माना जाएगा. डॉक्टर्स, मेडिकल स्टाफ और पुलिसकर्मियों पर हमला अब एपिडेमिक एक्ट के तहत कानूनी अपराध होगा. इसके साथ ही एंबुलेंस या अन्य सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना भी अपराध की श्रेणी में होगा.
लॉकडाउन: कुछ जिलों में मिल सकती है छूट
उत्तर प्रदेश में 3 मई के बाद लॉकडॉउन पर केंद्र का फैसला आने के बाद कुछ जिलों में छूट दी जा सकती है. उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरे प्रदेश में ग्रीन, ऑरेंज, रेड जोन बनाकर यह जानने की कोशिश की है कि आखिर किस जिले में कोरोना की क्या स्थिति है. सरकार इस पर भी मंथन कर रही है कि 3 मई के बाद औद्योगिक इकाइयों को कैसे चलाया जाए. मास्क निर्माण के लिए महिला स्वयं सहायता समूह का चयन करने के लिए कहा गया है और दूसरी जरूरी चीजों के लिए भी कार्य योजना बनाने के लिए कहा गया है.
प्रदेश में सरकार ने जो 3 जोन बनाए हैं, उनमें रेड ऐसा जोन है जिसमें ऐसे जिले आते हैं, जिनमें संक्रमण के हॉटस्पॉट बनाए गए हैं. इन इलाकों को सील किया गया है. इन जिलों में महामारी तेजी से फैल रही है, इसलिए इसमें किसी भी तरीके की कोई ढील दिए जाने की गुंजाइश नहीं है. ऑरेंज जोन में वे जिले आते हैं जहां पिछले 14 दिनों में कोरोना संक्रमण का कोई नया मामला नहीं आया है. ग्रीन जोन में वह जिले आते हैं जिनमें कोरोना संक्रमण का अब तक कोई मामला नहीं आया हो या पिछले 28 दिनों के दौरान कोरोना का कोई नया केस न हो.
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश में संक्रमण रोकने के साथ-साथ लोगों की सुरक्षा और इकोनॉमी को मजबूत करने के लिए बड़े स्तर पर प्लान कर रही है. लिहाजा वरिष्ठ अधिकारियों की विशेष टीम ने हर संभावना पर विचार और समीक्षा की है, जिसके हिसाब से आगे का फैसला लिया जा सके. बहरहाल, अब किसी भी कार्य योजना पर अंतिम मुहर 3 मई तक लॉकडाउन को लेकर केंद्र सरकार के फैसले पर टिकी हुई है.