Lockdown India Update: अगले सप्ताह से कोरोना मुक्त जिलों में खत्म हो सकता है लॉकडाउन

नई दिल्ली। लॉकडाउन के चरणबद्ध तरीके से खुलने की तैयारी तो होने लगी है लेकिन सबकुछ ठीक रहा तो भी आधे से ज्यादा देश संभवत: प्रतिबंध में ही रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा में जहां अधिकतर राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी कोरोना संक्रमण को देखते हुए लाकडाउन बढ़ाने की बात कही। वहीं प्रधानमंत्री ने कोरोना के साथ जंग की तैयारी दुरुस्त रखते हुए अर्थव्यवस्था का पहिया चलाने का संकेत भी दिया और राज्यों से अपने यहां इसका फार्मूला तैयार करने को भी कहा।

सबकुछ ठीक रहा तो भी आधा देश ही खुल पाएगा

अभी कोरोना रहने वाला है इसीलिए हर स्तर पर सतर्कता जरूरी

सोमवार की वीडियो कांफ्रेसिंग के बाद जो संकेत मिल रहा है उसमें जिलेवार राहत की ही बात उभर रही है। ध्यान रहे कि वर्तमान स्थिति में देश के लगभग सात सौ जिलों में सवा चार सौ कोरोना संक्रमित हैं। हालांकि ऐसे जिलों में लगातार वृद्धि हो रही है जहां पिछले 28 दिनों से कोरोना का मामला नहीं आया है लेकिन कुछ जिलों में एक महीने बाद भी मामले आ रहे हैं। शहरों में ऐसे इलाकों में केस आने शुरू हुए हैं जहां अब तक कोई केस नहीं था। लिहाजा मुख्यमंत्रियों के भी यह चिंता का विषय है। महाराष्ट्र फिलहाल सबसे बड़ी चिंता का विषय है। लेकिन प्रधानमंत्री ने राहत का हाथ फेरते हुए कहा- ‘कहीं कहीं ज्यादा मामले आ रहे हैं।

इसका दबाव नहीं लेना चाहिए क्योंकि पूरा देश इससे जूझ रहा है। लेकिन मुस्तैदी से कदम उठाने होंगे और यह सुनिश्चित करना होगा कि उस पर लगाम लगे।’ प्रधानमंत्री ने यह भी आगाह किया कि अभी कोरोना रहने वाला है इसीलिए हर स्तर पर सतर्कता जरूरी है। लेकिन इसके साथ ही आर्थिक गतिविधि भी शुरू करने का प्लान हर राज्य को हालात के अनुसार बनाना चाहिए।

नीतीश ने की प्रवासियों के लिए नीति बनाने की मांग

बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को छोड़कर सभी मुख्यमंत्री मौजूद थे। लेकिन बोलने का अवसर केवल नौ राज्यों को मिला जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ओडिशा के नवीन पटनायक शामिल थे। नीतीश ने प्रवासियों को लेकर नीति बनाने की मांग की। दरअसल जिस तरह राजस्थान के कोटा से कुछ राज्य सरकारें अपने प्रदेश के बच्चों को लेकर जा रही है उसके बाद नीतीश पर राजनीति दबाव है। नीतीश ने कहा कि केंद्र सरकार के वर्तमान दिशानिर्देश को देखते हुए सरकार के लिए यह संभव नहीं है। ऐसे में केंद्र को प्रवासियों को लेकर एक नीति बनानी चाहिए।

कांग्रेस शासित राज्यों की ओर से पैकेज और केंद्रीय सहायता की मांग

वहीं कांग्रेस शासित राज्यों की ओर से मुख्यत: पैकेज और केंद्रीय सहायता की मांग की। बताया जाता है कि प्रधानमंत्री ने उन्हें संकेत दिया है कि आने वाले दिनों मे हालात को लेकर फैसला लिया जाएगा। उन्होंने राज्य सरकारों से पूरा प्लान बनाने को भी कहा है। माना जा रहा है कि संभवत: शनिवार को प्रधानमंत्री की ओर से किसी निर्णय की घोषणा की जा सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *