नई दिल्ली। कोरोना वायरस का संक्रमण अपना पांव पसारता जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट का एक कर्मचारी आज कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया. वहीं शीर्ष कोर्ट के दो रजिस्ट्रार को होम क्वारनटीन में भेज दिया गया है और इसकी जानकारी हासिल की जा रही है कि वो किन किन के संपर्क में आए हैं.
बताया जा रहा है कि कोरोना संक्रमित पाया गया कर्मचारी पिछले सप्ताह दो बार सुप्रीम कोर्ट आया था. अब कोर्ट के अधिकारी कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सभी संभावित उपायों को लेकर विचार विमर्श कर रहे हैं.
कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने वाले डॉक्टर्स, पुलिसकर्मी, सफाईकर्मी के साथ साथ अन्य वे लोग जो सीधे मोर्चे पर तैनात हैं, वो जानलेवा वायरस की चपेट में आ रहे हैं. इस बीच, देश की शीर्ष अदालत में इस कर्मचारी के कोरोना वायरस से संक्रमित होने का मामला सामने आया है.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई
हालांकि कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए अदालत की कार्यवाही ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हो रही है. कोरोना वायरस के कारण सुप्रीम कोर्ट में 27 मार्च से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई हो रही है. सुप्रीम कोर्ट से सुनवाई को कॉ-आर्डिनेट किया जा रहा है जबकि जज और वकील अलग-अलग कमरों बैठ रहे हैं. सुनसान की स्थिति में न्यायायिक गतिविधि का संचालन किया जा रहा है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोवड़े 23 मार्च को ही बता चुके थे कि कोरोना के कारण अब सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी. सुप्रीम कोर्ट परिसर में एंट्री पर रोक लगा दी गई थी.
इससे पहले, सोमवार को ही कोरोना के खिलाफ जारी जंग के बीच मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने गरीबों की सुरक्षा के उपायों के लिए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है. हलफनामे में कहा गया है कि देश की 2/3 जनसंख्या में (80 करोड़ से अधिक) प्रति माह 5 किलो मुफ्त राशन दिया जा रहा है.
लॉकडाउन के दौरान 19.4 करोड़ परिवारों में प्रति माह एक किलो दाल प्रदान की गई है. MHA ने कोर्ट में प्रवासियों के लगाए गए 37,978 राहत शिविर के बारे में भी बताया है. इन शेल्टर होम में करीब 14.3 लाख लोग रह रहे हैं. वहीं, भोजन शिविरों में 1.34 करोड़ लोगों को भोजन दिया जा रहा है.