वाशिंगटन। कोरोना वायरस के चलते दुनियाभर के कच्चे तेल उत्पादकों के लिए सबसे बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। कोराना वायरस महामारी के असर से कच्चे तेल का अंतरराष्ट्रीय बाजार गंहरे संकट में पहंच गया है। अमेरिकी बेंचमार्क क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) ने सोमवार को अब तक के इतिहास में अपना सबसे बुरा दिन देखा।
अंतरराष्ट्रीय बजार में अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट कच्चा तेल का भाव सोमवार को गिरकर 0 डॉलर प्रति बैरल से भी नीचे पहुंच कर -$37.63 प्रति बैरल के अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। कारोबार की शुरुआत 18.27 डॉलर प्रति बैरल से हुई थी लेकिन यह ऐतिहासिक 1 डॉलर और उसके बाद जीरो और बाद में कम होकर निगेटिव में पहुंच गई।
United States benchmark West Texas Intermediate (WTI) #Oil price closes at -$37.63/barrel: AFP news agency
इससे पहले दिन में बाजार खुलने पर भाव यह 10.34 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया था जो 1986 के बाद इसका सबसे निचला स्तर था।कोरोना वायरस संकट की वजह से दुनियाभर में घटी तेल की मांग के चलते इसकी कीमतें लगातार गिर रही है। व्यापारियों ने कहा कि कीमत में यह गिरावट चिंताजनक है क्योंकि मई डिलीवरी के अनुबंधों का निस्तारण सोमवार शाम तक कर दिया जाना है लेकिन कोई निवेशक तेल की वास्तविक डिलीवरी लेना नहीं चाह रहा है।
वैश्विक मानक समय (ग्रीनविच मीन टाइम) के अनुसार दोपहर तीन बजे (भारतीय समय रात 8.30 बजे इसमें मामूली सुधार देखा गया और यह 10.82 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहा था। फिर भी यह शुक्रवार के मुकाबले 41 प्रतिशत कम था। व्यापारियों ने कहा कि कीमत में यह गिरावट चिंताजनक है क्योंकि मई डिलीवरी के अनुबंधों का निस्तारण सोमवार शाम तक कर दिया जाना है लेकिन कोई निवेशक तेल की वास्तविक डिलिवरी लेना नहीं चाह रहा है।