नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर जारी है. इस बीच एक चर्चा है कि क्या बढ़ती गर्मी भी कोरोना के बढ़ने की एक वजह बन सकती है. सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट यानी सीएसई (CSE) की स्टडी बताती है कि गर्मी के मौसम में सेंट्रलाइज्ड एयर कंडीशनर कोरोना के खतरे को काफी हद तक बढ़ा सकता है. सिर्फ इतना ही नहीं, जिन घरों के अंदर एसी चल रहे हैं, वहां हवा का वेंटिलेशन होना बहुत ही जरूरी है.
मौसम विभाग के मुताबिक जल्दी ही पारा 40 डिग्री पार कर सकता है, ऐसे में लोगों को एयर कंडीशनर की जरूरत महसूस होने लगेगी. सीएसई ने अपनी एक स्टडी में ये दावा किया है कि बड़ी-बड़ी बिल्डिंग या ऑफिसों में चलने वाले सेंट्रलाइज्ड एयर कंडीशनर कोरोना वायरस को देखते हुए खतरनाक हो सकते हैं.
स्टडी के मुताबिक इस तरह के एसी में अंदर की हवा अंदर ही लॉक हो जाती है और एयर कंडीशनर की नली के जरिए अंदर ही घूमती रहती है. अब ऐसे में अगर अंदर मौजूद एक भी शख्स कोरोना से संक्रमित हुआ तो ये संक्रमण बाकी लोगो में भी फैलने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है.
सीएसई के मुताबिक हमारे देश मे बड़ी संख्या में घरों की बनावट ऐसी नहीं होती है, जिसमे वेंटिलेशन की पूरी व्यवस्था हो. हालांकि जिन घरों में कोई कोरोना संक्रमित नहीं है, वहां कुछ देर तक एसी चलाया जा सकता है लेकिन ऐसे घरों में भी एसी चलाते वक्त ये ध्यान रखना चाहिए कि थोड़ा वेंटिलेशन जरूर हो जिससे ताजी हवा अंदर आती रहे.
विशेषज्ञ मानते है कि इस वक्त जहां तक हो सके एसी का प्रयोग नहीं करना चाहिए. इतना ही नहीं घर और बिल्डिंग में वेंटिलेशन और धूप जरूर आनी चाहिए. हमारा शरीर 32 डिग्री तक कि गर्मी को सहन कर सकता है, अगर घर या बिल्डिंग मे वेंटिलेशन ठीक है तो पंखा चला कर भी काम चलाया जा सकता है. हालांकि विशेषज्ञों के मुताबिक आगे चलकर हमें घरों की ऐसी बनावट पर ज्यादा जोर देने होगा, जिससे एसी की जरूरत को कम से कम किया जा सके.