नई दिल्ली। कोरोना के खिलाफ जारी जंग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार, सुबह 10 बजे एक बार फिर से देश को संबोधित करेंगे. 21 दिनों के लॉकडाउन की मियाद 14 अप्रैल को खत्म हो रही है. ऐसे में पीएम मोदी के संबोधन पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं. उम्मीद इस बात की है कि लॉकडाउन में कोई छूट मिलती है या नहीं, लेकिन इससे पहले ये सवाल भी है कि पीएम मोदी लॉकडाउन को कितने और दिनों के लिए बढ़ाते हैं.
बता दें कि कोरोना वायरस को लेकर प्रधानमंत्री 26 दिन में चौथी बार देश को संबोधित करने वाले हैं. एक तरह से ये तय माना जा रहा है कि वह लॉकडाउन को अगले 15 और दिनों के लिए बढ़ाने का ऐलान कर सकते हैं क्योंकि इसका इशारा पीएम ने मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में भी कर दिया था. इसके बाद पंजाब, महाराष्ट्र जैसे राज्यों ने अपने यहां लॉकडाउन की मियाद 30 अप्रैल तक के लिए बढ़ा भी दी है.
इन राज्यों ने बढ़ाया लॉकडाउन
वहीं, बिना केंद्र के निर्देश का इंतजार किए 8 राज्य लॉकडाउन की मियाद पहले ही 30 अप्रैल तक बढ़ा चुके हैं. इसमें पंजाब, ओडिशा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, राजस्थान और तमिलनाडु शामिल हैं.
बेरोजगारी 23 फीसद पर पहुंच चुकी है
21 दिन के लॉकडाउन की वजह से देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है. सीएमआईई की रिपोर्ट कहती है कि बेरोजगारी 23 फीसद पर पहुंच चुकी है, जबकि 8 फीसद पर ही 45 साल का रिकॉर्ड टूट गया था. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि प्रधानमंत्री कृषि के साथ-साथ कारखानों और माल के ट्रांसपोर्ट को छूट दे सकते हैं.
मेट्रो शहरों में लॉकडाउन में छूट मुश्किल
मेट्रो शहरों को बढ़े लॉकडाउन में छूट मिलना मुश्किल है. दिल्ली, मुंबई, इंदौर, गुरुग्राम, भोपाल, नोएडा, हैदराबाद, अहमदाबाद, जयपुर, बेंगलुरु में कोरोना के केस लगातार सामने आ रहे हैं. इसलिए यहां कोई नई छूट मिलना मुश्किल है. यह भी मुमकिन है कि इन इलाकों में लॉकडाउन और सीलिंग के दौरान की सख्ती और बढ़ा दी जाए.
कई मंत्रालय दबाव में हैं…
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि लॉकडाउन के कारण दूर संचार मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारी उद्योग मंत्रालय, कपड़ा मंत्रालय, भूतल एवं परिवहन मंत्रालय और रेल मंत्रालय समेत कई मंत्रालय भारी दबाव में हैं. कोरोना के संक्रमण से बचते हुए उद्योगों को खोलने की चुनौती ने सबके लिए बड़ी समस्या खड़ी कर दी है.
इधर, गृह मंत्रलाय की प्रवक्ता पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने सोमवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सभी ट्रकों का मूवमेंट अलाउड है. किसी को भी कोई परमिशन नहीं चाहिए. इस बाबत सभी राज्यों को पत्र लिखा गया है. लेकिन इनके इतर सबसे ज्यादा दिक्कत किसानों और मजदूरों के सामने है. किसान के लिए ये फसल कटाई का वक्त है और लॉकडाउन से उसपर काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. दूसरी ओर दिहाड़ी मजदूर फैक्ट्री, निर्माण कार्य बंद होने की वजह से भुखमरी की कगार पर आ गए हैं.