लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि कोरोना को लेकर कंप्यूटर के सामने दिखावे की समीक्षा करने से प्रदेश के हालात नहीं सुधरेंगे। कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा राशन वितरण व जनता की सहायता करने के लिए उन पर मुकदमा दर्ज किया जाना अमानवीय व निंदनीय है। अब तो जगह-जगह से सरकारी मदद न मिलने की शिकायतें आ रही हैं। सत्ताधारियों को दिखावा बंद कर सड़क पर उतरकर सपा की तरह सीधी सेवा करनी चाहिए।
अखिलेश यादव ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टीम इलेवन एवं सत्ताधारियों को सड़क पर उतरकर जरूरतमंदों की सहायता करनी चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि कोरोना संकट में जनता की मदद कर रहे सपा कार्यकर्ताओं पर मुकदमे दर्ज कराकर भाजपा कौन सा जनहित का काम कर रही है। अखिलेश यादव ने इसे निंदनीय व अमानवीय कृत्य बताया। भाजपा अपने राजनीतिक स्वार्थ साधने में सभी नैतिक एवं लोकतांत्रिक मान्यताओं को तिलांजलि दे रही है।
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार में समाजवादी एंबुलेंस सेवा 108 और 102 शुरू की गई थीं, जो आज स्वास्थ्य आपातकाल के समय में वरदान साबित हो रही हैं। भारपा की सरकार ने अगर इनके विस्तार की योजना आगे बढ़ाई होती तो गांवों, कस्बों और शहरों में लोगों को ठेले और रिक्शे पर मरीजों को अस्पताल लेकर नहीं जाना पड़ता। सच तो यह है कि दूरदर्शी व्यवस्थाओं का महत्व आपदा के समय ही समझ में आता है। नाम या नंबर बदलने पर भी इनसे जिनकी सहायता होती है या जिनका जीवन बचता है, वे सदैव इनके पीछे के मूल प्रेरक को ही याद करते हैं।