लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस के कारण घोषित लॉकडाउन के दौरान जिस नेतृत्व का उदाहरण दिया है, वह आने वाले समय के लिए और समकालीन नेताओं के लिए उदाहरण बनने जा रहा है। आज ही योगी सरकार ने जेपी स्पोर्ट्स सिटी यमुना एक्सप्रेस वे टाउनशीप का अधिग्रहण करते हुए फैसला लिया है कि इसे प्रवासियों के शेल्टर होम के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। इसके साथ ही रहने-खाने और चिकित्सकीय सुविधाओं का भी इंतजाम किया जाएगा। इस विकराल समस्या को देखते हुए यमुना एक्सप्रेस-वे को टोल फ्री कर दिया गया है।
Whoa! Notification here on @CeoNoida taking over Jaypee Yamuna Expressway township to accommodate migrant workers during the #CoronaLockdown.
दरअसल, दिल्ली में डीटीसी बसों में बिठा कर भारी संख्या में लोगों को यह कहकर बॉर्डर पर छोड़ दिया गया कि वहाँ से उन्हें घर ले जाने के प्रबंध किए गए हैं जबकि ऐसा कुछ भी प्रबंध दिल्ली सरकार द्वारा नहीं किया गया था। इसका नतीजा यह हुआ कि लॉकडाउन के बावजूद बड़ा जनसैलाब दिल्ली के आनंद विहार में इकट्ठा हो गया, जिसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फैसला लिया कि बॉर्डर इलाकों में एक लाख प्रवासी लोगों के रहने की व्यवस्था की जाएगी।
कोरोना वायरस को लेकर देशभर में घोषित लॉकडाउन में कामगारों और मजदूरों के सामने बेरोजगारी की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। ऐसे में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार इन मजदूरों के लिए एक के बाद एक बड़े और त्वरित फैसले ले रही है।
एक अन्य आदेश में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने आदेश दिया है कि प्रदेश भर में अब कोई भी मकान मालिक किसी भी कामगार या मजदूर से किराया (लॉकडाउन की अवधि तक किराए की माँग नहीं करनी है) नहीं लेगा। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने इस बात की जानकारी दी है।
वहीं, लॉकडाउन के दौरान यमुना एक्सप्रेसवे को टोल फ्री कर दिया गया है। यमुना अथॉरिटी के अधिकारियों का कहना है कि यमुना एक्सप्रेसवे के टोल फ्री रहने से आवश्यक वस्तुएँ और आपातकालीन सुविधा मिलने में आसानी होगी। फल, सब्जी, दूध और अन्य खाद्य सामग्री की ढुलाई करने वाले वाहनों से टोल नहीं वसूले जाने पर जरूरी चीजों की कीमतों को नियंत्रित करने में आसानी होगी।