कानपुर /लखनऊ। कोरोना महामारी भिन्न-भिन्न प्रकार के लोगों के लिए भिन्न-भिन्न प्रकार की समस्या ले कर आई है। इन लॉकडाउन और क्वारन्टाइन जैसे शब्दों और प्रक्रियाओं ने जहाँ कुछ लोगों के सामने जीवन की आधारभूत जरूरतों जैसे रोजी-रोटी और छत का संकट पैदा किया है तो कुछ की रंगीन मिजाजी को सरेआम कर दिया है।
इसका सटीक उदाहरण हिंदुस्तान दैनिक के कानपुर संस्करण की एक खबर है, जो सोशल मीडिया में वायरल हो रखी है। इस रिपोर्ट के अनुसार जब स्थानीय स्वास्थ्य विभाग ने विदेश घूम कर आए लोगों की लिस्ट बना उनका चेकअप और होम क्वारन्टाइन करने की प्रक्रिया शुरू की तो कई घरों में हड़कंप मच गया। असल में बहुत सारे लोगों ने घर वालों से, अपनी पत्नियों से छुपा कर थाईलैंड में मौज-मस्ती की, फुकेट, पटाया और बैंकॉक में कइयों की शामें रंगीन हुईं। अब जब उनकी ट्रेवल हिस्ट्री इस कोरोना के कारण बाहर आ गई है तो घरों में क्लेश चालू है।
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग अब तक ऐसे 827 लोगों की ट्रेवल हिस्ट्री निकाल चुका है, जो 14 फरवरी के बाद विदेश घूमने गए थे। इनमें से भी आधे होली के दौरान विदेश जा मौज मस्ती कर के आने वाले हैं। 42 लोग ऐसे हैं, जो मुम्बई और कन्याकुमारी के बहाने थाईलैंड घूम कर चुपचाप घर आए थे, अब तक बात छुपा रखे थे। इन छुपे रुस्तमों के ये रंगीन कारनामे देख घरों में अब सिर फुटौव्वल की नौबत आनी ही थी।
किराना बाजार के दो व्यापारी तो और ही गुरु निकलें हैं, जो पिछले सालों में थाईलैंड के साथ-साथ कजाखस्तान के भी दो राउंड लेकर बैठे हैं। बताते चलें कि कजाखस्तान पूर्व के सोवियत संघ के टूटने से बना एक देश है, जो अपनी खूबसूरत स्त्रियों और रोमांटिक माहौल के लिए विख्यात है। कोरोना के चक्कर में ट्रेवल हिस्ट्री खुलने से, अब तक मौनी बाबा बने घूमते इन लोगों की भी शामत आ रखी है। शादी टूटने और तलाक की नौबत सिर पर है।
रिपोर्ट के अनुसार घरवालों का गुस्सा इनके ट्रेवल ऑपरेटर्स पर भी निकल रहा है, जो बेचारे कहते घूम रहे हैं कि हमारा क्या दोष है इसमें जब आपके पति को ही भजन-कीर्तन करने थाईलैंड जाना था!