चीन के वुहान शुरू से हुआ कोरोना वायरस का संक्रमण पूरी दुनिया में फैल चुका है। बताया जा रहा है कि चीन ने इस महामारी पर अब काबू पा लिया है। लेकिन, उस पर शुरुआत में इस संक्रमण को लेकर दुनिया को गुमराह करने के गंभीर आरोप लग रहे हैं। कहा जा रहा है कि मनुष्य से मनुष्य में संक्रमण की बात चीन ने छिपाई नहीं होती तो आज हालात इतने गंभीर नहीं होते। जब चीजें उसके नियंत्रण से बाहर हुई तो उसने इसके बारे में दुनिया को बताया।
इस बीच चीन ने विदेशी नागरिकों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है। चीन के विदेश मंत्रालय ने इसकी घोषणा गुरुवार (मार्च 26, 2020) को की। मंत्रालय ने बताया कि ये प्रतिबंध उन्होंने विदेशों में रहने वाले अपने उन नागरिकों तक के लिए लगाया है जिनके पास वीजा और रेजीडेंट परमिट हैं। ये बैन शुक्रवार रात 12 बजे से लागू होगा।
मीडिया खबरों के मुताबिक, इस प्रतिबंध की घोषणा करते हुए चीन ने कहा, ये निलंबन सिर्फ़ एक अस्थायी उपाय है, जिसे चीन ने हालातों और दूसरे देशों के फैसलों को मद्देनजर रखते हुए लिया है। संक्रमण के आगे के हालात को देखते हुए चीन बैन हटाने या इसे जारी रखने पर फैसला लेगा। इसके बारे में अलग से घोषणा की जाएगी।
चीन की एक वेबसाइट साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक इस बैन से कुछ विदेशी नागरिकों को छूट हासिल होगी। साथ ही राजनयिकों और सी वीजा वालों का प्रवेश प्रभावित नहीं होगा। वहीं, आवश्यक आर्थिक, व्यापार, वैज्ञानिक या तकनीकी गतिविधियों या आपातकालीन मानवीय आवश्यकताओं के लिए चीन आने वाले विदेशी नागरिक, चीनी दूतावासों या वाणिज्य दूतावासों में वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं।
यहाँ बता दें कि बीते दिनों खबर आई थी कि चीन ने अपने यहाँ इस फैलते संक्रमण पर काबू पा लिया थ। लेकिन, बावजूद इसके संक्रमण के जो भी मामले सामने आ रहे थे, वो विदेश से आने वाले नागरिकों में मिल रहे थे। ऐसे में संक्रमण से बचने के लिए विदेश से आने वाले हर व्यक्ति के लिए चीन ने 14 दिन का क्वारांटाइन जरूरी कर दिया था। लेकिन संक्रमण को रोकने के लिए अब वो इससे भी एक कदम आगे बढ़ गया है और चीन ने विदेशियों की अपने यहाँ एंट्री ही बैन कर दी है।
गौरतलब है की चीन ही वो पहला देश है जहाँ से कोरोना की शुरूआत हुई और देखते-देखते ये संक्रमण दुनिया के बाकी देशों तक फैल गया। ईरान और इटली में तो इसका ऐसा प्रभाव दिखा कि हर कोई सहम गया। स्थिति इतनी भयावह हुई की स्वास्थ्य सुविधाओं से लबरेज देश खुद को इसकी चपेट में आने से नहीं रोक पाए।