नई दिल्ली। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अफगानिस्तान में फँसे सिख परिवारों को भारत लाने की गुहार मोदी सरकार से लगाई है। उन्होंने ट्वीट के जरिए विदेश मंत्री एस जयशंकर से कहा है, “प्रिय जयशंकर वहाँ बड़ी संख्या में सिख परिवार हैं जो अफगानिस्तान से निकलना चाहते हैं।”
Dear @DrSJaishankar, there are a large number of Sikh families who want to be flown out of Afghanistan. Request you to get them airlifted at the earliest. In this moment of crisis, it’s our bounden duty to help them.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अमरिंदर सिंह ने कहा, “मैं आपसे निवेदन करता हूँ कि शीघ्रता से उन्हें एयरलिफ्ट किया जाए। यह हमारा कर्तव्य है कि इस संकट के समय में हम उनकी सहायता करें।” उन्होंने काबुल के गुरुद्वारे पर हुए आतंकी हमले को दुर्भाग्यशाली बताया है। इस घटना के बाद अमरिंदर सिंह केंद्र सरकार से सिख परिवारों को अफगानिस्तान से जल्द से जल्द एयरलिफ्ट कर भारत लाने की अपील की है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान तथा बांग्लादेश के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने वाले कानून का विरोध करने में कॉन्ग्रेस भी शामिल रही है। अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कॉन्ग्रेस सरकार ने CAA के खिलाफ पंजाब विधानसभा में बिल पास किया था। इसे भारत के हितों के विरुद्ध तथा असंवैधानिक करार दिया था। ऐसा करने वाला केरल के बाद पंजाब दूसरा राज्य था।
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में 25 मार्च को गुरुद्वारे पर आातंकी हमला हुआ था। हमले के वक्त वहॉं 150 श्रद्धालु मौजूद थे। 27 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि आठ अन्य घायल हो गए थे। एक फिदायीन ने खुद को उड़ा लिया था और फिर उसके साथियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। हमले की जिम्मेदारी आईएस ने ली थी।
#UPDATE 27 civilians killed and 8 wounded in a terror attack on a Gurudwara in Kabul, Afghanistan. All 4 terrorists have been killed by Afghan security forces.
बताते चलें कि अफगानिस्तान में लंबे समय से सिखों को व्यापक भेदभाव का सामना करना पड़ा है और कई बार आतंकवादियों ने उन्हें निशाना बनाया है। हालिया दिल्ली दंगों के बाद भी काबुल में सिखों की दुकान पर हमला हुआ था। अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस घटना का विडियो ट्विटर पर शेयर किया था। इसमें अधेड़ उम्र का सिख दुकानदार हाथ जोड़कर हताश खड़ा था और उसकी दुकान का सामान जमीन पर बिखरा था।
पहले भी अफगानिस्तान में सिखों पर हमले होते आए हैं और डरकर वे भारत आने को मजबूर हुए हैं। 2018 में भी जलालाबाद में आत्मघाती हमला हुआ था जिसमें 13 सिख मारे गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी भी इस्लामिक स्टेट ने ली थी। हमले से सिख समुदाय इतना डर गया था कि उन्होंने देश छोड़ने का फैसला कर लिया था। मौजूद जानकारी के मुताबिक, अफगानिस्तान में अब 300 से भी कम सिख परिवार बचे हैं। इनके पास दो ही गुरुद्वारा है। एक जलालाबाद और दूसरा काबुल में।