टीम इंडिया न्यूजीलैंड के खिलाफ (India vs New Zealand) वेलिंगटन टेस्ट में संघर्ष की स्थिति में आ गई है. पहली पारी में 183 रन से पिछड़ने के बाद टीम इंडिया तीसरे दिन 4 विकेट खोकर 144 रन ही बना सकी. इस पारी में टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली एक बार फिर बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहे और ट्रेंट बोल्ट के शिकार बने.
वेलिंगटन टेस्ट से पहले बोल्ट ने कहा था कि वे विराट जैसे खिलाड़ियों को आउट करने के लिए ही खेलते हैं और विराट जैसे बड़े खिलाड़ियों को आउट कर वे अपनी गेंदबाजी को परखेंगे. बोल्ट का यह सपना वेलिंगटन की दूसरी पारी में पूरा हुआ जब उन्होंने विराट को एक शानदार बाउंसर पर विकेट के पीछे बीजे वाटलिंग के हाथों लपकवा दिया.
विराट इस पारी में केवल 19 रन ही बना सके. जबकि पहली पारी में वे 2 रन बनाकर जेमिसन का शिकार बने थे. जबकि इससे पहले उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ भारत के पहले डे नाइट टेस्ट में 132 रन की पारी खेली थी, लेकिन टेस्ट मैचों में विराट कोहली की निरंतरता लंबे समय से गायब है.
विराट कोहली ने साल 2018 में टीम इंडिया के इंग्लैंड दौरे पर 593 रन बनाए थे उस समय टीम ने इंग्लैंड 1-4 से सीरीज गंवा दी थी. इसके बाद विराट ने घर के बाहर 14 पारियों में केवल एक ही शतक लगाया है.
इंग्लैंड दौरे के बाद विराट ने 6 टेस्ट मैच (इस सीरीज को छोड़कर) खेले हैं. इसमें विराट 38 के औसत से केवल 418 रन ही जुटा सके हैं जो कि उनकी प्रतिष्ठा से बिलकुल भी मेल नहीं खाता है. इस दौरान उनका एकमात्र शतक पर्थ में 2018 में आया था. यह (123 रन) उनका पिछले दो साल में विदेशों में बेस्ट स्कोर है.
इतना ही नहीं विराट सभी प्रारूप में अपनी निरंतरता या कंसिस्टेंसी के लिए संघर्ष कर रहे हैं. सभी प्रारूपों की पिछली 9 पारियों में विराट केवल एक ही हाफ सेंचुरी लगा सके हैं.