आज के फटाफट क्रिकेट के दौर के छोटे प्रारूपों में एक खिलाड़ी का दोहरा शतक लगा पाना भी नामुमकिन नहीं लगता. टी20 क्रिकेट में कई खिलाड़ी शतक लगा चुके हैं. ऐसे में वनडे मैचों में दोहरा शतक नामुमकिन नहीं हैं. लेकिन ज्यादा पुरानी बात नहीं हैं जब सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने सबसे पहले वनडे में दोहरा शतक लगाया था.
आज से दस साल पहले तक वनडे में दोहरा शतक एक तरह से असंभव ही माना जाता था, लेकिन 24 फरवरी 2010 में सचिन तेंदलुकर ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ग्वालियर में दोहरा शतक लगाकर इस धारणा को तोड़ा था.
इस मैच में टीम इंडिया ने तीन महीनों में दूसरी बार 400 से ज्यादा का स्कोर बनाया था. और ग्वालियर के इस ऐतिहासिक मैच में 153 रन से जीत भी हासिल की थी. सचिन ने उस समय पाकिस्तान के सईद अनवर और चार्स कोवेंट्री का 194 रन का रिकॉर्ड तोड़ा था जो पिछले 13 साल से नहीं टूटा था.
यही नहीं सचिन ने ऐसा केवल 147 गेंदों में किया था. सचिन ने 45वें ओवर में ही 191 रन का आंकड़ा छू लिया था. इसके बाद आखिरी तीस गेंदों में उन्हें केवल 9 गेंदें खेलने को मिली और उन्होंने उस समय वह नामुमकन मानी जाने उपलब्धि हासिल कर ली.
इसके बाद तो सचिन की पारी ने जैसे खिलाड़ियों के लिए एक नई राह खोल दी. दो साल में ही पहले भारत के ही वीरेंद्र सहवाग ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 219 रन बनाए. इसके बाद चार और खिलाड़ियों ने दोहरे शतक के आंकड़े को छुआ जिसमें से टीम इंडिया के वनडे उपकप्तान रोहित शर्मा ने तीन बार यह कमाल किया.