21 फरवरी, शुक्रवार को महाशिवरात्रि का पर्व है. महाशिवरात्रि में भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा-आराधना की जाती है. महाशिवरात्रि में शिवलिंग पर बेल पत्र, दूध, दही, धतूरा और जलाभिषेक कर भगवान शिव को प्रसन्न किया जाता है. पूजा-अर्चना के दौरान शिवलिंग के सामने ध्यान लगाकर मंत्र का जाप किया जाता है. महाशिवरात्रि के मौके पर इन मंत्रों के जाप से बदल सकती है आपकी जिंदगी.
शब्दों के समूह बन कर मंत्र बनते हैं, मंत्र विश्वास को बढ़ाते हैं. मंत्र सिर्फ शब्द समूह नहीं होते बल्कि उसमें शब्दों में जब भाव, उच्चारण, ध्यान, उसका रिपीटेशन, एक्सेंट, और टाइम ड्यूरेशन मिलता है तब मंत्र बनता है.
क्या है महामृत्युंजय मंत्र
महामृत्युंजय मंत्र भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने का सबसे लाभकारी मंत्र है. वेदों और पुराणों में बताया गया है कि असाध्य रोगों से छुटकारा पाने और अकाल मृत्यु से बचने के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जप करना चाहिए.
महामृत्युंजय मंत्र
ऊँ त्र्यंबकम् यजामहे सुगंधिम् पुष्टिवर्द्धनम्। ऊर्वारुकमिव बंधनात, मृत्योर्मुक्षिय मामृतात्.
महामृत्युंजय मंत्र के फायदे
इस मंत्र के जाप से न सिर्फ मृत्यु का भय दूर होता है बल्कि कई तरह के असाध्य बीमारियों से भी छुटकारा दिलाता है। इस मंत्र का सवा लाख बार निरंतर जप करने से जीवन की सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं
परेशानी से निपटने के लिये सिद्धि मंत्र हैं- ॐ वामदेवाय नमों,ज्येष्ठाय नम: श्रेष्ठाय नमों,रुद्राय नम: कालाय नम: कलविकर्णाय नमो बल विकर्णाय नमो बलाय नमो बल प्रमथनाय नम: सर्व भूत दमनाय नमों मन्नोनमाय नम:.