केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, चाहे जितना विरोध हो, वापस नहीं होने वाला नागरिकता संशोधन कानून
लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध कर रहे राहुल गांधी, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और मायावती को वोट बैंक का लोभी, आंख का अंधा और कान का बहरा बताते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि उन्हें करोड़ों शरणार्थियों पर हुए अत्याचार नहीं दिखते। उन्होंने कहा कि सिर्फ सीएए ही नहीं, चाहे सर्जिकल स्ट्राइक रही हो, अनुच्छेद-370 या तीन तलाक का खात्मा या राम मंदिर का निर्माण, देशहित से जुड़े ऐसे सभी मुद्दों का इन विपक्षी नेताओं ने विरोध किया। इन मुद्दों पर वे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की भाषा बोलते रहे हैं। यह लड़ाई देश का भला और देश के टुकड़े करने वालों के बीच है। डंके की चोट पर कहा कि चाहे जितना विरोध हो, सीएए वापस नहीं होने वाला।
राजधानी लखनऊ के बंगला बाजार स्थित रामकथा पार्क में सीएए के समर्थन में आयोजित भारतीय जनता पार्टी (BJP) की क्षेत्रीय रैली में माइक संभालते ही शाह ने अपने इरादे जाहिर कर दिए। यह कहते हुए कि ‘संसद के शीतकालीन सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नागरिकता अधिनियम में संशोधन के लिए विधेयक लेकर आये तो राहुल बाबा एंड कंपनी, ममता दीदी, अखिलेश यादव और मायावती इसके खिलाफ कांव-कांव करने लगे।’
शाह ने कहा कि नकारे जा चुके विपक्षी दल दुष्प्रचार कर रहे हैं कि सीएए से देश के मुसलमानों की नागरिकता चली जाएगी। इसकी आड़ में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, सपा देश में आगजनी, तोड़फोड़ और हिंसा फैला रहे हैं। सीएए का विरोध करने वाले इन सभी नेताओं को उन्होंने ललकारा कि यदि इस कानून की कोई भी धारा किसी की नागरिकता ले सकती है तो वह मुझे दिखाइये। उन्हें चुनौती दी कि यदि उनमें हिम्मत है तो इस कानून पर बहस करने के लिए सार्वजनिक मंच ढूंढ़ें। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह उनसे मुकाबला करने के लिए तैयार हैं।
अखिलेश बाबू, आप ज्यादा न बोलो तो अच्छा
शाह ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को जमकर आड़े हाथ लिया। रैली के मंच से सीएए को लेकर उनके ज्ञान पर चुटकी ली। बोले, ‘अखिलेश बाबू, आप ज्यादा न बोलो तो अच्छा है। किसी के रटे-रटाये दो वाक्य बोल देते हो। मंच पर सीएए पर पांच मिनट भी बोल सको तो जानें। थोड़ी पढ़ाई-लिखाई भी किया करो। राजनीति में पढ़ना लिखना अच्छा होता है।’ तल्ख लहजे में उन्हें चेताया भी, ‘अखिलेश बाबू, हमें जितना चाहे गाली दो, हमारी पार्टी को गाली दो, लेकिन भारत मां के खिलाफ नारे लगे तो जेल की सलाखों के पीछे डाल दिये जाओगे।’
राहुल बाबा कान खोलकर सुन लो
शाह ने कहा, ‘राहुल बाबा कान खोलकर सुन लो, कांग्रेस के पाप के कारण ही धार्मिक आधार पर देश का विभाजन हुआ, लाखों लोग मारे गए और यह सिलसिला आज भी जारी है। जब देश का बंटवारा हुआ था तो पूर्वी पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों की आबादी 30 प्रतिशत थी और पश्चिमी पाकिस्तान में 23 प्रतिशत। आज पाकिस्तान में उनकी आबादी घटकर तीन प्रतिशत रह गई है तो बांग्लादेश में सात प्रतिशत।’ कहा कि महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, डॉ.राजेंद्र प्रसाद, सरदार पटेल और मौलाना आजाद जैसे नेताओं ने पाकिस्तान और बांग्लादेश से आये अल्पसंख्यक शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने की बात कही थी, लेकिन वोट बैंक की पट्टी आंखों पर बांधे कांग्रेस अंधी हो चुकी है। यह वही कांग्रेस है जिसने साल भर पहले हुए राजस्थान विधानसभा चुनाव में अपने घोषणापत्र में पाकिस्तान से आये हिंदू-सिखों को नागरिकता देने का एलान किया था।’
ममता पर भी साधा निशाना
केंद्रीय गृह मंत्री ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी हल्ला बोला। यह कहते हुए कि ‘मुझे समझ में नहीं आता कि उन्हें मतुआ और नामशूद्र दलित बंगाली शरणार्थियों से क्या तकलीफ है जो वह उनके अधिकारों के खिलाफ खड़ी हो गईं। ममता दीदी ने खुद 2003 में संसद में बांग्लादेश के दलित शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने की मांग की थी।’
शरणार्थियों से भी मिले शाह
मंच पर चढ़ने से पहले अमित शाह ने रैली स्थल पर आये शरणार्थियों से भी मुलाकात की और उनकी आपबीती सुनी। रैली को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व डॉ.दिनेश शर्मा ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल, प्रदेश उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर भी मौजूद थे। रैली का संचालन भाजपा अवध क्षेत्र के अध्यक्ष सुरेश तिवारी ने किया।
तीन महीने में बनने जा रहा राम मंदिर
अमित शाह ने कहा कि तीन महीने में अयोध्या में आसमान छूने वाला प्रभु श्रीराम का मंदिर बनने जा रहा है। उनके यह कहते ही रैली स्थल पर शंख ध्वनि होने लगी। उन्होंने कहा कि 500 साल पहले अयोध्या में राम मंदिर को आक्रांताओं ने तोड़ दिया था। इसके लिए समय-समय पर जनांदोलन हुए, लोगों ने शहादत दी। सत्ता में रहते हुए और विपक्ष में भी कांग्रेस ने अदालत में इस मामले को लटकाये रखने की पुरजोर कोशिश की। मोदी सरकार की कोशिशों से सुप्रीम कोर्ट में मामले की तेजी से सुनवाई हुई और अब उसी भूमि पर गगनचुंबी मंदिर बनेगा। रामलला अपने जन्मस्थान पर विराज जाएंगे तो हमारा जीवन धन्य हो जाएगा।