PFI के 150 कट्टरपंथी इस्लामी अलग-अलग राज्यों से जब आते हैं दिल्ली तो होता है जामिया दंगा: DP का खुलासा

लखनऊ। देश भर में नागरिकता संशोधन क़ानून (CAA) के ख़िलाफ़ हिंसक विरोध-प्रदर्शन हुए। इस क़ानून का मक़सद पड़ोसी इस्लामिक राष्ट्रों से उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देना है, बस। लेकिन शायद इतनी भी समझ लोगों में नहीं! भ्रम और बहकावे के कारण जगह-जगह उग्र हुई मुस्लिम भीड़ ने पथराव, हिंसा और बर्बरता भरे प्रदर्शनों को अंजाम दिया। इसके बाद ख़ुफ़िया एजेंसियों के साथ मिलकर दिल्ली पुलिस जामिया मिलिया इस्लामिया में हुए दंगों के कारणों की जाँच कर रही है। इस पूरे मामले में दिल्ली पुलिस का इशारा कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) पर है।

शाहीन बाग क्षेत्र में हिंसक विरोध-प्रदर्शन की ओर इशारा करते हुए पुलिस ने कहा कि उस क्षेत्र के इतना अस्थिर होने के पीछे के कारणों का समय आने पर ख़ुलासा किया जाएगा। दिल्ली पुलिस ने शाहीन बाग, ओखला, जामिया नगर, बटला हाउस के आसपास के क्षेत्र में मौजूद PFI के ऑफिसों पर ऊँगली उठाई है।

पुलिस के अनुसार, जामिया मिलिया इस्लामिया में हिंसा से दो दिन पहले 13 दिसंबर को कट्टरपंथी इस्लामी संगठन PFI के लगभग 150 सदस्यों ने विभिन्न राज्यों से दिल्ली में प्रवेश किया था। पुलिस और ख़ुफ़िया एजेंसियों के मुताबिक़, जामिया इलाक़े में हिंसा भड़कने से पहले वो कहीं छिप गए थे।

पुलिस के अनुसार, PFI के अराजक तत्वों द्वारा पथराव और आगजनी की शुरुआत की गई। पुलिस ने बताया कि विरोध-प्रदर्शन की शुरुआत दिल्ली में हुई क्योंकि कार्यकर्ताओं को पता था कि मीडिया इस ख़बर को तुरंत ब्रेक कर देगा और इससे हिंसा को फैलाने में अधिक मदद मिलेगी।

वहीं, पुलिस ने इस बात के भी पर्याप्त साक्ष्य जुटाए हैं कि PFI की सक्रिय भूमिका न केवल दिल्ली में ही थी बल्कि लखनऊ में भड़के दंगे में उनकी सक्रिय भूमिका थी। हिंसक विरोध-प्रदर्शनों को अंजाम देने के बाद कई PFI इस्लामी कट्टरपंथी भूमिगत हो गए।

जामिया मिलिया इस्लामिया घटना के हिंसक विरोध के सिलसिले में दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की गई पहली FIR में कहा गया था कि रविवार को 7 से 8 छात्रों के साथ उपद्रवियों ने विश्वविद्यालय के गेट के अंदर से पथराव किया।

जामिया हिंसा से संबंधित दिल्ली पुलिस की FIR में चार स्थानीय राजनेताओं और कॉन्ग्रेस के पूर्व विधायक समेत छ: लोगों को संदिग्ध बताया गया। दिल्ली पुलिस ने अपनी FIR में पूर्व कॉन्ग्रेस विधायक आसिफ़ ख़ान को एक आरोपित के रूप में नामित किया।

पुलिस ने बताया कि अन्य छ: आरोपित व्यक्तियों की पहचान स्थानीय राजनेताओं आशु खान, मुस्तफ़ा, हैदर, क़ासिम उस्मानी-CYSS का सदस्य, दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी की छात्र शाखा, AISA सदस्य चंदन कुमार, SIO के सदस्य आसिफ़ तनहा, स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ़ इंडिया के रूप में की गई है। ख़ुफ़िया एजेंसी के अधिकारी ने बताया कि वे पर्याप्त सबूत इकट्ठा कर चुके हैं और सही समय पर कार्रवाई करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *