नई दिल्ली। भारत का पहला तीनों सेनाओं का अध्यक्ष यानी सीडीएस (CDS) रक्षा मंत्रालय के तहत डिपार्टमेंट ऑफ मिलिटरी अफेयर्स का मुखिया होंगे. सीडीएस (CDS) रक्षामंत्री से रक्षा मामलों से जुड़े मसलों पर सीधे संपर्क कर सकेगा और राय दे सकेगा. तीनों सेनाओं की सारी सम्मिलित कमान यानी ट्राइ सर्विस कमांड अब सीडीएस (CDS) के अधीन होंगी. करगिल युद्ध के बाद कारगिल रिव्यू कमेटी और नरेश चंद्रा कमेटी ने सीडीएस (CDS) की सिफारिश की थी.
इससे तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल का साथ-साथ रक्षा बजट का उचित इस्तेमाल हो सकेगा. 15 अगस्त को प्रधानमंत्री की सीडीएस (CDS) बनाने की घोषणा के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई थी, जिसने सीडीएस (CDS) की भूमिका और अधिकार तय किए. कैबिनेट ने मंगलवार को इस रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया.
करगिल के बाद बनी तीनों सेनाओं की सम्मिलित कमान CHIEF OF INTEGRATED STAFF COMMITTEE( CISC) अब सीडीएस (CDS) के अंतर्गत आएगी और इसका प्रमुख डिप्टी सीडीएस (CDS) कहा जाएगा. तीनों सेनाओं की ऑपरेशनल कमान अंडमान निकोबार कमान भी सीडीएस (CDS) के अंतर्गत आएगी.
तीनों सेनाओं के ऑफिसरों का ट्रेनिंग स्कूल यानी नेशनल डिफेंस एकेडमी सीडीएस (CDS) की कमान में होगा. इसके अलावा आर्म्ड फोर्सेज़ मेडिकल सर्विस, इंजीनियरिंग सर्विस और नेशनल डिफेंस कॉलेज भी सीडीएस (CDS) की कमान में होगा. सैनिक संचार के लिए जिम्मेदार सिग्नल ऑफिसर इंचार्ज भी सीडीएस (CDS) को रिपोर्ट करेगा. इसी साल बनाई गईं तीनों सेनाओं की साझा कमान स्पेशल ऑपरेशन डिविज़न, डिफेंस साइबर एजेंसी और डिफेंस स्पेस एजेंसी भी सीडीएस (CDS) को रिपोर्ट करेंगी.
सीडीएस (CDS) को सबसे प्रमुख जिम्मेदारी भविष्य की रणनीति बनाने की होगी. भविष्य में तीनों सेनाओं की सम्मिलित कमान यानी थियेटर कमान की योजना बनाने का काम भी सीडीएस (CDS) करेगा. तीनों सेनाओं को मिलने वाले बजट का उचित इस्तेमाल करने के लिए सीडीएस (CDS) डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल यानि डीएसी का सदस्य होगा.
डीएसी सारे रक्षा जरूरतों को पूरा करती है और सारे सौदे करती है. तीनों सेनाओं के पास मौजूद संसाधनों को अब आपस में बांटा जा सकेगा और सीडीएस (CDS) तीनों सेनाओं के पास मौजूद इंफ्रास्ट्रक्चर और उपकरणों के उचित इस्तेमाल के लिए भी ज़िम्मेदार होगा.