पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने गुरुवार (14 नवंबर) को बाल दिवस के अवसर पर भारत के कई स्वतंत्रता सेनानियों में से सबसे कम उम्र के सेनानी की फ़ोटो शेयर की है। उन्होंने एक 12 वर्षीय बच्चे बाजी राउत की फ़ोटो शेयर की, जिनकी ब्रिटिश सैनिकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि उन्होंने (बच्चे) नदी पार करने के उनके (ब्रिटिश) हुक़्म को मानने से इनकार कर दिया था।
वीरेंद्र सहवाग ने 1938 में बाजी राउत की हत्या के बारे में बताते हुए लिखा, “12 साल की उम्र में, यह युवा लड़का एक देशी नाव पर सवार था और ब्राह्मणी नदी के पार जाने के लिए ब्रिटिश टुकड़ी ने उन्हें आदेश दिया था।”
पूर्व क्रिकेटर ने लिखा कि बाजी, जिन्होंने पहले ही अंग्रेजी सैनिकों की क्रूरता का विवरण सुना रखा था कि कैसे उन्होंने गाँव में निर्दोष लोगों की हत्या कर दी थी। इसलिए उन्होंने ब्रिटिश सैनिकों के आदेश (नदी पार कराने) की अवहेलना की।
इसके आगे उन्होंने लिखा कि आदेश की अवहेलना के बाद बच्चे के सिर पर एक बंदूक रखी गई और गोली मार दी गई, जिसके परिणामस्वरूप उनकी मौत हो गई। वीरेंद्र सहवाग का वर्णन के अनुसार, “एक सैनिक ने अपने संगीन को बाजी की नरम खोपड़ी में घुसा दिया। जबकि एक अन्य ब्रिटिश सैनिक ने बेरहमी से गोली मार दी।”
बाजी राउत का जन्म 5 अक्टूबर, 1926 को ओडिशा के धेनकनाल ज़िले के नीलकंठपुर गाँव में एक गरीब खंडायत परिवार में हुआ था। ओडिशा सरकार की वेबसाइट के अनुसार, उन्होंने अपने पिता को कम उम्र में ही खो दिया था और माँ ने अलग-अलग घरों में काम करके उस मासूम बच्चे की परवरिश की थी।
पिछले महीने युवा स्वतंत्रता सेनानी की जयंती पर, ओडिशा के सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने मासूम बच्चे को श्रद्धाजंलि देते हुए समुद्र तट पर रेत की कलाकृति बनाई। पटनायक ने ट्वीट किया, “साहस, निस्वार्थता और वीरता की उसकी कहानी को हर बच्चे को जानना चाहिए। सुपरहीरो।”
5th October 1926, one of our youngest and greatest freedom heroes was born at Dhenkanal, Odisha. Tributes to the great #BajiRout on his birth anniversary. His story of courage , selflessness and valour needs to be known to every child. Superhero . One of my SandArt at puri beach.