महाराष्ट्र में 6 महीने के लिए लगा राष्ट्रपति शासन
राज्यपाल की सिफारिश के खिलाफ SC गई शिवसेना
मुंबई। महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लग गया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की सिफारिश को मानते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन की घोषणा कर दी है. वहीं महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू करने के राज्यपाल की सिफारिश के खिलाफ शिवसेना सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि उन्हें दावा पेश करने के लिए सिर्फ 24 घंटे का समय दिया गया, जबकि बीजेपी को 48 घंटे का वक्त दिया गया था. शिवसेना ने आरोप लगाया कि राज्यपाल ने सरकार बनाने के अवसर से इनकार करने के लिए बीजेपी के इशारे पर जल्दबाजी में काम किया. इस मामले में जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े की अगुआई वाली पीठ कल सुनवाई कर सकती है.
NCP-कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस
मुंबई में आज एनसीपी और कांग्रेस नेताओं की बैठक हुई. इसमें महाराष्ट्र में सरकार गठन पर चर्चा हुई. इस मीटिंग के बाद पत्रकारों से बात करते हुए प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि शिवसेना ने 11 नंवबर को हमसे आधिकारिक तौर पर संपर्क किया था. कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाकर लोकतंत्र और संविधान का मजाक उड़ाने की कोशिश की गई. उन्होंने कहा कि कांग्रेस राष्ट्रपति शासन की आलोचना करती है. अहमद पटेल ने कहा कि केंद्र ने कभी नियमों का पालन नहीं किया और कई राज्यों में मनमानी की.
अहमद पटेल ने कहा कि राज्यपाल द्वारा महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस को न्योता न देना गलत है.
महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए मुंबई में कांग्रेस और एनसीपी नेताओं के बीच बातचीत जारी है. सूत्रों के मुताबिक एनसीपी चाहती है कि कांग्रेस सरकार में शामिल हो ताकि सरकार को स्थिरता मिल सकते. वहीं कांग्रेस कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर जोर दे रही है. सूत्रों के मुताबिक एनसीपी के फॉर्मूले में शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का सीएम ढाई-ढाई साल का होगा, जबकि कांग्रेस को 5 साल के लिए डिप्टी सीएम का पद मिलेगा. इस मुद्दे पर दोनों दलों के बीच चर्चा हो रही है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, अहमद पटेल और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से बात कर रहे हैं.
मुंबई पहुंचे खड़गे, पटेल और केसी वेणुगोपाल
कांग्रेस और एनसीपी महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए अभी भी कोशिश कर रही है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, अहमद पटेल और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का संदेश लेकर मुंबई पहुंच चुके हैं. थोड़ी देर में ही ये नेता राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार से बात करेंगे. दोनों पार्टियों के बीच राज्य की मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा होगी.
कांग्रेस को क्यों नहीं मिला सरकार बनाने का मौका-सुरजेवाला
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर हमला बोला है. सुरजेवाला ने कहा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर राज्यपाल ने संवैधानिक प्रक्रिया का मजाक उड़ाया है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल अगर अलग अलग सभी पार्टियों को सरकार बनाने का मौका दे रहे थे, तो उन्हें कांग्रेस को भी मौका देना चाहिए था. सुरजेवाला ने कहा कि राज्यपाल को सबसे पहले चुनाव के पहले बने गठबंधन बीजेपी-शिवसेना को सरकार बनाने का मौका देना चाहिए था. दूसरे नंबर पर राज्यपाल को कांग्रेस और एनसीपी को सरकार बुनाने के लिए बुलाना चाहिए था. क्योंकि ये दूसरा सबसे बड़ा पोस्ट पोल एलायंस था. अगर राज्यपाल सभी पार्टियों को अलग-अलग बुला रहे थे तो उन्होंने कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए क्यों नहीं बुलाया?
याचिका पर आज ही सुनवाई की मांग
शिवसेना के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में दरख्वास्त की है कि उनकी याचिका पर आज ही सुनवाई की जाए. शिवसेना महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश को भी चुनौती देने के लिए दूसरी याचिका तैयार कर रही है. सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने अभी तक शिवसेना के वकीलों को ये नहीं बताया है कि उनकी याचिका पर तत्काल सुनवाई का फैसला लिया गया है या नहीं.
एनसीपी की अपील के बाद राष्ट्रपति शासन की सिफारिश
सूत्रों के हवाले से खबर है कि एनसीपी ने आज सुबह 11:30 बजे राज्यपाल को एक खत लिखा था, जिसमें दो दिन का समय मांगा था. राज्यपाल ने एनसीपी के पत्र को आधार बना कर गृहमंत्रालय से महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की.
बीजेपी और शिवसेना नहीं बना पाई सरकार
बता दें कि राज्य में भाजपा 105 विधायकों के साथ सबसे बड़ी विधायक संख्या वाली पार्टी है. लेकिन बीते शनिवार को भाजपा ने सरकार गठन में असमर्थता जाहिर कर दी थी. इसके बाद राज्यपाल ने रविवार को 56 विधायकों के साथ शिवसेना को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया. लेकिन, पार्टी कांग्रेस और एनसीपी से समर्थन के पत्र उपलब्ध नहीं करा सकी, भले ही इसने ‘सैद्धांतिक रूप में’ उनसे समर्थन का दावा भी किया.
शिवसेना ने राज्यपाल से और समय मांगा, जिन्होंने अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया. तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच सोमवार को देर रात, राज्यपाल ने सरकार बनाने प्रयास करने के लिए 54 विधायकों के साथ तीसरे सबसे बड़े दल एनसीपी को आमंत्रित किया था..