इस्लामाबाद। शनिवार को भारत के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पाँच जजों की बेंच ने सर्वसम्मति से विवादित ज़मीन पर फ़ैसला रामलला के पक्ष में सुनाया और मुस्लिम पक्ष को अलग पाँच एकड़ ज़मीन मस्जिद के लिए देने का निर्देश दिया है.
इस फ़ैसले पर भारत में सभी पक्षों से सधी और संतुलित प्रतिक्रिया आ रही है लेकिन पाकिस्तान से आक्रामक प्रतिक्रिया आई है.
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता आसिफ़ ग़फ़ूर ने ट्वीट कर कहा, ”दुनिया ने एक बार फिर से अतिवादी भारत का असली चेहरा देख लिया है. पाँच अगस्त को कश्मीर का भारत ने संवैधानिक दर्जा ख़त्म किया और आज बाबरी मस्जिद पर फ़ैसला आया. दूसरी तरफ़ पाकिस्तान दूसरे धर्म का आदर करते हुए गुरु नानक के सेवकों के लिए करतारपुर कॉरिडोर खोल दिया.”
रेडियो पाकिस्तान के मुताबिक़ अयोध्या के फ़ैसले पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा कि इससे मोदी सरकार की कट्टरता झलकती है. क़ुरैशी ने इस पर भी हैरानी जतायी कि जिस दिन करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन किया गया उसी दिन भारत के सुप्रीम कोर्ट ने इस पर फ़ैसला क्यों सुनाया. क़ुरैशी ने कहा, ”भारत में मुसलमान पहले से ही दबाव में हैं और सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद और दबाव बढ़ेगा.”
क़ुरैशी ने कहा कि इस फ़ैसले से भारत के सेक्युलर छवि की हक़ीक़त सामने आ गई है.
भारत के ख़िलाफ़ अक्सर विवादित बयान देने वाले पाकिस्तान के विज्ञान और तकनीक मंत्री चौधरी फ़वाद हुसैन ने अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को शर्मनाक, फालतू, अवैध और अनैतिक है.
पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर ने भी ट्वीट कर कहा, ”बाबरी मस्जिद पर जिस वक़्त फ़ैसला आया उससे कई सवाल खड़े होते हैं. भारत के सुप्रीम कोर्ट ने इस हफ़्ते फ़ैसला क्यों सुनाया? क्या पाकिस्तान ने सिखों के लिए करतारपुर में जो किया उसकी प्रतिक्रिया में यह है? यह फ़ैसला क़ानून के आधार पर है या बीजेपी के घोषणापत्र के आधार पर.”
पाकिस्तान में समा टीवी के वरिष्ठ पत्रकार नदीम मलिक ने ट्वीट कर कहा है, ”भारत के सुप्रीम कोर्ट ने एक विवादित फ़ैसला दिया है. विवादित ज़मीन हिन्दुओं को मंदिर के लिए दे दी गई है. 460 साल पुरानी मस्जिद हिंदुओं ने 1992 में गिरा दी थी. मुसलमानों को मस्जिद के लिए पाँच एकड़ ज़मीन अलग से दी गई है.”
पाकिस्तान में ट्विटर पर बाबरी मस्जिद हैशटैग टॉप ट्रेंड कर रहा है.
दूसरे नंबर पर हैशटैग अयोध्या वर्डिक्ट है और पाँचवें नंबर पर हैशटैग राम मंदिर है.
बशीर अहमद ग्वाख़ नाम के पत्रकार ने इन हैशटैग के साथ एक ट्वीट में पाकिस्तान से अयोध्या पर आ रही प्रतिक्रिया की निंदा की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ”दिलचस्प है कि पाकिस्तान बाबरी मस्जिद पर भारत के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से नाराज़ है जबकि यहां अहमदिया मस्जिद पंजाब के हासिलपुर में तोड़ दी गई थी.”