नई दिल्ली। अयोध्या केस पर सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा कि पूरे देश की यह इच्छा थी की इस मामले की रोज सुनवाई हो, जो हुआ भी. पूरी दुनिया तो यह मानती ही है कि भारत सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है. दुनिया ने ये भी जान लिया है कि भारत का लोकतंत्र कितना जीवंत और मजबूत है. फैसला आने के बाद हर धर्म, संप्रदाय और पंथ के लोगों ने खुले दिल से स्वीकार किया है. भारत जिसके लिए जाना जाता है वह है ‘विविधिता में एकता’, आज यह मंत्री पूर्णता ये खिला हुआ नजर आता है. गर्व होता है. हजारों साल बाद भी अगर किसी को इस मंत्र को समझना होता को वह आज की घटना का जरूर उल्लेख करेगा. यह घटना इतिहास के पन्नों से नहीं उठाई गई है, इसे सवा सौ करोड़ भारतीयों ने खुद इतिहास में जोड़ा है.
इस सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को संयम और धैर्य से सुना. सबसे अच्छी बात यह है कि फैसला सर्वसम्मति से आया है. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘पूरी दुनिया ये तो मानती है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश है, लेकिन आज दुनिया ने ये भी जान लिया है कि भारत का लोकतंत्र कितना जीवंत और मजबूत है. फैसला आने के बाद जिस प्रकार हर वर्ग, हर समुदाय और हर पंथ के लोगों सहित पूरे देश ने खुले दिल से इसे स्वीकार किया है, वो भारत की पुरातन संस्कृति, परंपराओं और सद्भाव की भावना को प्रतिबिंबित करता है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘भारत की न्यायपालिका के इतिहास में भी आज का ये दिन एक स्वर्णिम अध्याय की तरह है. इस विषय पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सबको सुना और बहुत धैर्य से सुना और पूरे देश के लिए ख़ुशी की बात है कि सर्वसम्मति से फैसला दिया.’
पीएम मोदी ने कहा, ‘सर्वोच्च न्यायालय ने इस फैसले के पीछे दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाई है. इसलिए, देश के न्यायधीश, न्यायालय और हमारी न्यायिक प्रणाली अभिनंदन के अधिकारी हैं. आज अयोध्या पर फैसले के साथ ही 9 नवंबर की ये तारीख हमें साथ रहकर आगे बढ़ने की सीख भी दे ही है. आज के दिन का संदेश जोड़ने का है-जुड़ने का है और मिलकर जीने का है.’
फैसला आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने जो बातें कही वो इस प्रकार है:
- आइए, इस अहम और पवित्र पड़ाव पर हम संकल्प लें कि गुरु नानक जी के वचनों को अपने जीवन का हिस्सा बनाएंगे। हम समाज के भीतर सद्भाव पैदा करने के लिए हर कोशिश करेंगे।
- आज सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसे महत्वपूर्ण मामले पर फैसला सुनाया है, जिसके पीछे सैकड़ों वर्षों का एक इतिहास है।पूरे देश की ये इच्छा थी कि इस मामले की अदालत में हर रोज़ सुनवाई हो, जो हुई, और आज निर्णय आ चुका है।
- फैसला आने के बाद जिस प्रकार हर वर्ग ने, हर समुदाय ने, हर पंथ के लोगों ने, पूरे देश ने खुले दिल से इसे स्वीकार किया है, वो भारत की पुरातन संस्कृति, परंपराओं और सद्भाव की भावना को प्रतिबिंबित करता है।
- भारत की न्यायपालिका के इतिहास में भी आज का ये दिन एक स्वर्णिम अध्याय की तरह है। इस विषय पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सबको सुना, बहुत धैर्य से सुना और सर्वसम्मति से फैसला दिया।
- सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले के पीछे दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाई है। और इसलिए, देश के न्यायधीश, न्यायालय और हमारी न्यायिक प्रणाली अभिनंदन के अधिकारी हैं।
- आज अयोध्या पर फैसले के साथ ही, 9 नवंबर की ये तारीख हमें साथ रहकर आगे बढ़ने की सीख भी दे ही है। आज के दिन का संदेश जोड़ने का है-जुड़ने का है और मिलकर जीने का है।
- सर्वोच्च अदालत का ये फैसला हमारे लिए एक नया सवेरा लेकर आया है। इस विवाद का भले ही कई पीढ़ियों पर असर पड़ा हो, लेकिन इस फैसले के बाद हमें ये संकल्प करना होगा कि अब नई पीढ़ी, नए सिरे से न्यू इंडिया के निर्माण में जुटेगी