नई दिल्ली। यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदबंरम को गिरफ्तार कर लिया गया है । चिदबंरम को दिल्ली हाईकोर्ट से गिरफ्तारी में राहत नहीं मिली और 21 अगस्त को उन्हें सीबीआई ने हिरासत में ले लिया । क्या है ये आईएनएक्स मीडिया मामला और अब तक इस केस में क्या-क्या हुआ । कौन है वो महिला जिसके बयान ने चिदंबरम को सलाखों के पीछे तक पहुचा दिया । दरअसल चिदंबरम पर शिकंजा करने के पीछे इंद्राणी मुखर्जी का बयान है, जो अब मामले में सरकारी गवाह हैं, उनके पति पीटर मुखर्जी के बयान भी इसमें शामिल हैं।
मुखर्जी दंपत्ति के बयान हैं केस का मजूबत आधार
आईएनएक्स मीडिया के प्रमोटर्स मुखर्जी दंपती बयान ही कांग्रेस नेता के खिलाफ जांच एजेंसियों का मजबूत आधार बने । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मामले में जांच कर रही एजेंसियों को इंद्राणी ने कहा है कि आईएनएक्स मीडिया की अर्जी फॉरेन इनवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) के पास थी। इंद्राणी ने बताया कि उन्होंने पति पीटर मुखर्जी और कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी के साथ पूर्व वित्त मंत्री के दफ्तर नॉर्थ ब्लॉक में जाकर मुलाकात की थी।
इंद्राणी मुखर्जी का ईडी को बयान
मखर्जी ने प्रवर्तन निदेशालय को दिए अपने बयान में कहा – “चिदंबरम ने पीटर के साथ बातचीत की और एफडीआई वाली आईएनएक्स मीडिया की अर्जी की एक कॉपी पीटर ने उन्हें सौंपी। एफआईपीबी की मंजूरी के बदले चिदंबरम ने पीटर से कहा कि उनके बेटे कार्ति के बिजनेस में मदद करनी होगी।” ईडी की ओर से इस बयान को चार्जशीट में दर्ज किया गया और इसे कोर्ट में भी सबूत के तौर पर पेश किया। हालांकि ईडी ने कोर्ट को दी जानकारी पर ये कहा कि इंद्राणी ने चिदंबरम को कितनी रकम रिश्वत के तौर पर दी, इसका कोई खुलासा नहीं हुआ है।
कार्ति पर 10 लाख डॉलर घूस लेने का आरोप
मामले में पी चिदंबरम ही नहीं कार्ति भी आरोपी हैं । उनके खिलाफ आरोप हैं कि उन्होंने आईएनएक्स मीडिया के खिलाफ संभावित जांच को रुकवाने के लिए 10 लाख डॉलर की मांग की थी । मामले में कार्ति चिदंबरम को बीते साल 28 फरवरी को गिरफ्तार भी किया गया था। इस मामले में सीबीआई से इंद्राणी ने पूछताछ में कहा था कि कार्ति ने उनसे पैसों की मांग की थी। ये डील दिल्ली के एक 5 स्टार होटल में हुई थी ।