नई दिल्ली। अयोध्या में रामजन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद पर 6 अगस्त से सुप्रीम कोर्ट में रोजाना सुनवाई शुरू हो गई है. मंगलवार को पहले दिन निर्मोही अखाड़े ने अपनी बात रखी. इस दौरान निर्मोही अखाड़े ने वहां पर पूजा का अधिकार मांगा, इसी बीच चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने निर्मोही अखाड़े से पूछ लिया कि रामजन्मभूमि में एंट्री कहां से होती है?
दरअसल, इस मसले पर जब सुनवाई शुरू हुई तो सबसे पहले निर्मोही अखाड़े ने वहां पर अपनी बात रखनी शुरू की. निर्मोही अखाड़ा ने कहा कि उन्हें वहां पूजा का अधिकार मिलना चाहिए. लेकिन तभी चीफ जस्टिस ने इस मामले से जुड़े कुछ बेसिक सवाल पूछने शुरू किए, CJI के साथ-साथ जस्टिस नजीर ने भी निर्मोही अखाड़े से कहा कि आप सबसे पहले अपनी बात रख रहे हैं, इसलिए पूरे मामले को शुरू से बताएं.
निर्मोही अखाड़े ने अदालत से कहा कि हमसे पूजा का अधिकार छीना गया है. सुप्रीम कोर्ट ने बहस के दौरान निर्मोही अखाड़े से पूछा कि क्या कोर्टयार्ड के बाहर सीता रसोई है? इसके अलावा चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि हमारे सामने वहां के स्ट्रक्चर पर स्थिति साफ करें.
चीफ जस्टिस ने पूछा कि वहां पर एंट्री कहां से होती है? सीता रसोई से या फिर हनुमान द्वार से? इसके अलावा CJI ने पूछा कि निर्मोही अखाड़ा कैसे रजिस्टर हुआ?
आपको बता दें कि निर्मोही अखाड़ा जब अपनी बात अदालत में रख रहा था, उसी समय मुस्लिम पक्ष की ओर से राजीव धवन ने उन्हें टोक दिया. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि आपको आपका समय मिलेगा, बीच में ना टोकें और कोर्ट की गरिमा का ध्यान रखें.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मसले पर पहले मध्यस्थता करने का वक्त दिया था, लेकिन मध्यस्थता से इस मसले का हल नहीं निकल पाया. जिसके बाद अदालत ने इस पर रोजाना सुनवाई का आदेश दिया था.