नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म करने का संकल्प राज्यसभा में पारित होने के बाद आज सुबह 11 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद जम्मू एवं कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 को लोकसभा में पेश किया गया. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल भी सदन में पेश किया गया. अभी दोनों विधेयकों पर चर्चा हो रही है.
कांग्रेस की ओर से सांसद अधीर रंजन चौधरी ने सरकार के फैसले का विरोध किया. उन्होंने आरोप लगाया कि कश्मीर को रातोंरात बांट दिया गया. जम्मू-कश्मीर को सरकार ने कैदखाना बना दिया. जम्मू-कश्मीर के हालात की सही जानकारी नहीं मिल रही है.
इसके जवाब में गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें जवाब देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. इसके बारे में कोई कानूनी या संवैधानिक विवाद नहीं है. जम्मू-कश्मीर ने भी स्वीकार किया है कि वह भारत का अभिन्न अंग है. जब जम्मू-कश्मीर की बात करता हूं तो पीओके इसमें ही आता है. उन्होंने विपक्षी सदस्यों के हंगामे पर कहा कि मैं इसलिए गुस्सा हूं कि आप पीओके को भारत का हिस्सा नहीं मानते हो क्या? हम पीओके के लिए जान दे देंगे. PoK और अक्साई चिन भी भारत का हिस्सा है.
दरअसल, कल उच्च सदन में यह बिल पास हो गया था, जिसके बाद आज इसे सदन में रखा जाना था. इस विधेयक में प्रदेश को दो केंद्र शासित राज्यों में बांटा गया है. जम्मू-कश्मीर विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश होगा, जबकि लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी.
गृह मंत्री अमित शाह द्वारा कही गई बातें…
-मन की सोच से नहीं, संविधान से दुनिया चलती है.
-राष्ट्रपति को अनुच्छेद 370 खत्म करने का अधिकार है.
-लद्दाख की लंबे समय से केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने की मांग थी.
-लद्दाख के दोनों हिल काउंसिल काम करते रहेंगे.
वहीं, कांग्रेस की तरफ से कहा गया कि नेहरू जी ने जम्मू-कश्मीर को भारत का हिस्सा बनाया. जम्मू कश्मीर के विलय के लिए 370 का वादा था. राज्य का विलय और रक्षा नेहरू जी ने की थी.