नई दिल्ली। वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ के आधिकारिक आवास के बाहर युद्धक विमान राफेल की प्रतिकृति को लगाया गया है. यह आवास कांग्रेस पार्टी के मुख्यालय के सामने स्थित है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इससे पहले, सुखोई एसयू-30 का एक मॉडल उसी स्थान पर स्थापित किया गया था, लेकिन कुछ सप्ताह पूर्व इसे राफेल युद्धक विमान से बदल दिया गया.
गौरतलब है कि कांग्रेस राफेल सौदे में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का आरोप लगाती रही है और डसॉल्ट एविएशन के एक ऑफसेट साझेदार के रूप में उद्योगपति अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस डिफेंस के चयन पर सरकार को निशाना बनाती रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 अप्रैल, 2015 को पेरिस में तत्कालीन फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के साथ वार्ता के बाद 36 राफेल विमानों के एक खेप की खरीद की घोषणा की थी. कुल 56,000 करोड़ रुपये के अंतिम सौदे पर 23 सितंबर 2016 को मुहर लगा दी गई.
केंद्र सरकार कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के आरोपों को पहले ही खारिज कर चुकी है. भारत की बालाकोट स्ट्राइक के बाद भारतीय वायुसेना प्रमुख धनोआ ने कहा था कि अगर देश में राफेल लड़ाकू विमान होते तो भारत बेहतर परिणाम हासिल कर सकता था. पहला राफेल विमान इस साल सितम्बर में भारतीय वायु सेना को सौंपे जाने की उम्मीद है.