नई दिल्ली। कृषि एवं विनिर्माण क्षेत्र में कमजोर प्रदर्शन के चलते वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर धीमी पड़कर पांच साल के न्यूनतम स्तर 5.8 प्रतिशत पर पहुंच गई. इससे पहले वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही थी.
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने साथ ही कहा है कि वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर 6.8 प्रतिशत रही है. जीडीपी वृद्धि की यह दर 2014-15 के बाद सबसे धीमी है. इससे पहले वित्त वर्ष 2013-14 में जीडीपी वृद्धि की गति 6.4 फीसदी रही थी.
चौथी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर चीन की आर्थिक वृद्धि की गति 6.4 प्रतिशत से कम रही.
क्या कहाना है सरकार का?
आर्थिक मामलों के सचिव एस. सी. गर्ग ने कहा कि 2018-19 की चौथी तिमाही में जीडीपी वृद्धि में सुस्ती एनबीएफसी क्षेत्र में दबाव जैसे अस्थाई कारकों की वजह से आई. गर्ग ने कहा, ‘चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भी वृद्धि दर धीमी रह सकती है, अर्थव्यवस्था में दूसरी तिमाही के बाद से गतिविधियों में आएगी तेजी’