नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस बड़े स्तर पर फेरबदल की तैयारी में हैं. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की है लेकिन इसे मंजूर नहीं किया गया. उनके साथ कई प्रदेश अध्यक्षों ने इस्तीफे दिए हैं लेकिन उन पर भी कोई फैसला नहीं हो पाया. माना जा रहा है कि कांग्रेस इस बड़ी हार के बाद पार्टी स्तर पर आमूलचूल बदलाव करेगी ताकि लोगों को संकेत दिया जा सके कि देश की सबसे पुरानी पार्टी भी समय-समय पर बड़े बदलाव कर सकती है. कुछ ऐसा ही संकेत पार्टी के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने दिया है. उन्होंने सोमवार को जारी एक प्रेस रिलीज में कहा कि पार्टी लोकसभा चुनाव में हार को एक बड़े अवसर के रूप में ले रही है और आगे कुछ बड़े बदलाव दिख सकते हैं.
सुरजेवाला ने प्रेस रिलीज में कहा, ‘कांग्रेस कार्य समिति कांग्रेस (CWC) में फैसले लेने वाली सर्वोच्च संस्था है. यह ऐसा लोकतांत्रिक मंच है, जहां विचार लिए और दिए जाते हैं, नीतियां बनाई जाती हैं और सुधार के लिए जरूरी कार्रवाई की जाती है. इसे लेकर 25 मई की बैठक में CWC ने अपनी बात रख दी थी. कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव में हार को एक अवसर के रूप में देखती है ताकि पार्टी के संगठन स्तर पर बड़े बदलाव किए जा सकें. पार्टी ने इस काम के लिए अध्यक्ष राहुल गांधी को अधिकृत किया है.’
सुरजेवाला ने आगे कहा, ‘कांग्रेस पार्टी उम्मीद करती है कि सभी लोग यहां तक कि मीडिया भी CWC की अंदरखाने मीटिंग का सम्मान करें. मीटिंग के बारे में सार्वजनिक तौर पर कई अटकलें लगाई जा रही हैं, कई प्रकार की अफवाह उड़ रही हैं. ऐसा करना उचित नहीं है.’
सुरजेवाला ने कहा कि लोकसभा चुनाव में हार के लिए सामूहिक तौर पर जिम्मेदारी ली गई है और आगे क्या किया जा सकता है, पार्टी के समक्ष कैसी चुनौतियां हैं, इस पर मंथन चल रहा है. हार का ठीकरा किसी एक व्यक्ति पर फोड़ना सही नहीं है. बैठक में हार को लेकर क्या फैसला हुआ, इस बारे में 25 मई को सार्वजनिक तौर पर बता दिया गया था.
सुरजेवाला ने कहा, ‘हम सभी लोगों यहां तक कि मीडिया से भी आग्रह करते हैं कि अफवाहों और अटकलों पर कान न दें और कांग्रेस पार्टी आगे क्या कदम उठाती है उसका इंतजार करें.’
मीडिया के एक धड़े में ऐसी खबरें हैं कि लोकसभा चुनाव में हार के बाद अब कांग्रेस के प्रमुखों में फेरबदल देखने को मिल सकता है. पार्टी को इन चुनावों में केवल 52 सीटों पर संतोष करना पड़ा है. साल 2014 के चुनाव में मिली 44 सीटों के मुकाबले इस बार सिर्फ आठ सीटें ज्यादा आई हैं.
न्यूज एजेंसी IANS के मुताबिक, “चुनाव नतीजों में बेहद खराब प्रदर्शन के बाद अब बुहत से महासचिवों और राज्य इकाई प्रमुखों पर गाज गिर सकती है. पार्टी जवाबदेही तय करेगी.” इस काम के लिए कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) ने शनिवार को राहुल गांधी को अधिकृत किया है.
इससे पहले राहुल ने पार्टी अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने की इच्छा जाहिर की, जिसे कार्यसमिति के सदस्यों ने एक सुर में नामंजूर कर दिया. इसके बाद समिति ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल को हर स्तर पर पार्टी में बदलाव करने का जिम्मा दे दिया. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सीडब्ल्यूसी की बैठक में काफी स्पष्ट बोलते नजर आए, उन्होंने पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं को भी नहीं बख्शा. कांग्रेस अध्यक्ष ने कथित तौर पर सीडब्ल्यूसी की बैठक में कहा कि कुछ वरिष्ठ नेताओं ने अपने बेटों के हितों को पार्टी के हितों से आगे रखा.