साल 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को 2014 के लोकसभा चुनावों से भी ज्यादा बड़ी जीत हासिल होती हुई नजर आ रही है. अब तक के रुझानों में एनडीए को 350 सीटों पर बढ़त हासिल है. वहीं,मोदी लहर की आलम ये है कि पूर्व सीएम से लेकर पूर्व पीएम तक ने अपनी साख खो दी और हार की बढ़ते नजर आए.
इन लोकसभा चुनावों में कई रुझान ऐसे आए जिनमें दिग्गज राजनेता अपनी सीटों से पिछड़ते नजर आए. इनमें कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी अपने गढ़ में पिछड़ते दिखे. हालांकि सोनिया गांधी ने वापसी की और बढ़त हासिल की लेकिन इस लहर में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी अमेठी सीट से हार की ओर बढ़ रहे हैं.
मोदी लहर के आगे देश के पूर्व प्रधानमंत्री से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री तक अपनी सीट नहीं बचा पाए. पूरे देश में इस समय मोदी लहर है और कांग्रेस हर ओर से अपनी साख खोती नजर आ रही है. इन लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के एक या दो नहीं बल्कि कई पूर्व सीएम हारते दिख रहे हैं.
एच डी देवगौड़ा
देश के पूर्व प्रधानमंत्री और कर्नाटक के पूर्व सीएम एच डी देवगौड़ा भी मोदी की लहर में अपनी सीट बचा पाने में नाकामयाब दिखे. कर्नाटक की टुमकुर सीट से चुनाव लड़ रहे देवगौड़ा को भारतीय जनता पार्टी के जी एस बसवाराज ने कड़ी टक्कर देते हुए पीछे छोड़ दिया है.
शिला दीक्षित
दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रह चुकीं शिला दीक्षित भी इन चुनावों में अपनी सीट बचा पाने में नाकामयाब होती दिख रही हैं. शिला दीक्षित नॉर्थ ईस्ट दिल्ली की सीट से चुनाव लड़ रही थीं. इस सीट पर उनका मुकाबला बीजेपी के मनोज तिवारी से था. शिला दीक्षित को कांग्रेस ने एन वक्त पर चुनावों में उतारा था और उन्हें इस सीट से अपना कैंडिडेट बनाया था. लेकिन मोदी लहर के आगे शिला दीक्षित नहीं टिक पाईं. मनोज तिवारी इस सीट पर करीब 340000 मतों से बढ़त बनाए हुए हैं.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा
हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हु्ड्डा भी मोदी लहर में अपनी सीट बचा पाने में नाकामयाब नजर आ रहे हैं. भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपने गढ़ रोहतक सीट से चुनाव लड़ रहे थे. इस सीट पर उनको बीजेपी के अरविंद कुमार शर्मा से टक्कर मिली थी. हालांकि अभी तक चुनावों के नतीजे घोषित नहीं हुए हैं. लेकिन तड़के से ही हुड्डा अपनी सीट पर पीछे हैं और बीजेपी के शर्मा बढ़त बनाए हुए हैं. बता दें कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा 2005 से 2014 तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे हैं.
दिग्विजय सिंह
कांग्रेस के दिग्विजय सिंह भी इस मोदी लहर में अपनी साख खोते हुए नजर आ रहे हैं. दिग्विजय सिंह को बीजेपी की साध्वी प्रज्ञा से कांटे की टक्कर मिली. साध्वी प्रज्ञा 3 लाख से ज्यादा मतों से दिग्विजय सिंह से आगे चल रही हैं. बता दें कि दिग्विजय सिंह एक बार नहीं बल्कि दो बार मध्य प्रदेश के सीएम रहे हैं. लेकिन इस बार वो अपनी सीट बचाने में नाकामयाब दिखे.
बाबूलाल मरांडी
झारखंड के पहले मुख्यमंत्री रहे बाबूलाल मरांडी भी इन चुनावों में अपनी सीट हारते दिखे. झारखंड विकास मोर्चा के बाबूलाल चार बार सांसद रहे हैं. लेकिन इस बार बीजेपी की अन्नपूर्णा देवी से उन्हें कड़ी टक्कर मिली. फिलहाल वो 4 लाख से ज्यादा सीटों से पीछे चल रहे हैं.
हरीश रावत
कांग्रेस के हरीश रावत भी इस बार मोदी लहर के आगे पस्त होते नजर आए. 2014 से 2017 तक उतराखंड के मुख्यमंत्री रहे हरीश रावत को भारतीय जनता पार्टी के अजय भट्ट ने मात दी है. अजय भट्ट 3 लाख से ज्यादा वोटों से आगे चल रहे हैं.
अशोक च्वहाण
कांग्रेस के दिग्गज नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री रहे अशोक च्वहाण भी इस बार अपनी सीट नहीं बचा पाए. अशोक च्वहाण की गिनती कांग्रेस के बड़े नेताओं में होती है और वो महाराष्ट्र में खास प्रभाव रखते हैं लेकिन इन चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ता दिख रहा है.
सुशील कुमार शिंदे
पूर्व केंद्रीय मंत्री और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे सुशील कुमार शिंदे इस बार लोकसभा चुनावों में अपनी सीट नहीं बचा पाए. महाराष्ट्र की सोलापुर से चुनाव लड़ रहे सुशील कुमार शिंदे को बीजेपी के डॉक्टर जय सिद्धेश्वर ने पछाड़ा है.
मुकुल संगमा
मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के नेता मुकुल संगमा भी अपनी सीट नहीं बचा पाए. मुकुल संगमा मेघालय की तुरा सीट से लड़ रहे थे. उन्हें नेशनल पीपुल पार्टी के अगथा संगमा ने हराया है. अगथा संगमा इस सीट पर 6 लाख मतों से आगे हैं. बता दें कि नेशनल पीपुल पार्टी एनडीए का हिस्सा है.
नवाम टुकी
कांग्रेस के नेता और अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे नवाम टुकी इस बार हार गए हैं. नवाम टुकी को बीजेपी के किरेण रिजिजू ने पछाड़ा है. किरेन रिजिजू 90 हजार से मतों से आगे हैं.
वीरप्पा मोइली
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के नेता वीरप्पा मोइली को भी मोदी लहर के चलते हार का सामना करना पड़ा है. कर्नाटक की चिकबलपुर सीट से चुनाव लड़ रहे थे. उन्हें इस सीट पर बीजेपी के बीएन बचे गौड़ा ने मात दी है.