नई दिल्ली। मध्य प्रदेश की हाईप्रोफाइल लोकसभा सीट भोपाल से प्रज्ञा ठाकुर ने अपना नामांकन वापस लेते हुए चुनाव न लड़ने का फैसला लिया है. लेकिन यह बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर नहीं बल्कि उनकी हमनाम निर्दलीय प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर हैं, जिन्होंने बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के कहने पर नामांकन वापस ले लिया है और चुनाव न लड़ने का फैसला लिया है. इससे बीजेपी को बड़ी राहत मिली है. दरअसल, भोपाल लोकसभा क्षेत्र से साध्वी प्रज्ञा की हमनाम और निर्दलीय प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर चुनावी मैदान में थीं, जिसके चलते भाजपा सहित खुद साध्वी प्रज्ञा भी काफी परेशान थीं कि कहीं एक जैसा नाम होने के चलते जनता भ्रमित न हो जाए, जिसके बाद साध्वी प्रज्ञा ने प्रज्ञा ठाकुर को मिलने के लिए अपने घर बुलाया और वहां उनसे चुनाव न लड़ने की अपील की.
वहीं साध्वी प्रज्ञा के मनाने पर प्रज्ञा ठाकुर ने भी उनकी बात मान ली और चुनाव न लड़ने का ऐलान कर दिया. जिसके बाद बीजेपी ने राहत भरी सांस ली है. प्रज्ञा ठाकुर के चुनाव न लड़ने के फैसले के ऐलान के बाद साध्वी प्रज्ञा ने प्रज्ञा ठाकुर को भगवा कपड़ा पहनाकर और तिलक लगाकर उनका सम्मान किया. इस दौरान भाजपा के कई बड़े नेता साध्वी प्रज्ञा के घर पर मौजूद थे, जिनमें भाजपा उपाध्यक्ष प्रभात झा और कई स्थानीय नेता शामिल थे.
बता दें भोपाल लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की हमनाम प्रज्ञा ठाकुर के नामांकन दाखिल करने से बीजेपी को इस बात की आशंका थी कि मतदाता कहीं गलतफहमी में आकर साध्वी प्रज्ञा की जगह प्रज्ञा ठाकुर को वोट न दे दें, जिसके चलते साध्वी प्रज्ञा ने खुद प्रज्ञा ठाकुर को अपने घर बुलाकर उनसे चुनाव से नामांकन वापस लेने के लिए बात की. जिस पर प्रज्ञा ठाकुर ने भी हामी भर दी, जिसके बाद भाजपा ने राहत की सांस ली.
हालांकि भले ही प्रज्ञा ठाकुर ने भोपाल से अपना नामांकन वापस ले लिया है, लेकिन शहीद हेमंत करकरे पर दिए बयान को लेकर जनता में उनके प्रति अभी भी नाराजगी बनी हुई है, जिसके चलते उन्हें भारी विरोध का सामना भी करना पड़ चुका है. यही वजह है कि भोपाल लोकसभा सीट पर भाजपा की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं.