जयपुर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अब सरकार बनते ही अलग से जल शक्ति मंत्रालय बनाएंगे। समुद्र का पानी मीठा करके सूखाग्रस्त क्षेत्र में पहुंचाएंगे।
मोदी ने लोगों से पूछा कि आपको पाकिस्तान को जवाब देने वाली सरकार चहिए या आतंकी हमले के बाद चुप बैठने वाली सरकार चाहिए। उन्होने कहा कि देश को विश्वास है कि मोदी खुद पर वार झेल सकता है, अपना राजनीतिक अस्तित्व भी दांव पर लगा सकता है, लेकिन देश को झुकने नही देगा। उन्होंने लोगों से पूछा कि देश को कमजोर बनाने वाली कांग्रेस चाहिए या मजबूत बनाने वाली भाजपा चाहिए। मोदी ने पहली बार वोट देने वाले युवाओं से 21वीं सदी के निर्माण के लिए वोट देने की अपील की। उन्होंने कहा कि मोदी हर दिन पल-पल और पाई-पाई का हिसाब देता है और लेता भी है।
मोदी का प्रचार अभियान जोधपुर और बाड़मेर जैसे दो हाई प्रोफाइल लोकसभा क्षेत्रों की सभाओं से शुरू होगा। प्रधानमंत्री बाड़मेर, जोधपुर व उदयपुर में सभा करेंगे। मोदी की दूसरी बाड़मेर में होगी। इसके बाद सोमवार को उदयपुर और जोधपुर में सभाएं होंगी।
राजस्थान में 29 अप्रैल और छह मई को होने वाले मतदान के दोनों चरणों के लिए नामांकन प्रक्रिया समाप्त हो गई है। ऐसे में राष्ट्रीय स्तर के स्टार प्रचारकों के दौरे शुरू हो रहे हैं। लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले प्रधानमंत्री ने फरवरी में टोंक व चुरू में जनसभाएं की थीं। अधिसूचना जारी होने के बाद प्रधानमंत्री का राजस्थान में यह पहला दौरा होगा। अभी तक प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार चार मई तक राजस्थान में प्रधानमंत्री की करीब 10 से 12 सभाएं होनी हैं।
राजनीतिक दृष्टि से अहम हैं बाड़मेर और जोधपुर की सभाएं-
प्रधानमंत्री की इन चार सभाओं में से बाड़मेर और जोधपुर की सभाएं राजनीतिक दृष्टि से काफी अहम हैं। यह दोनों आपस में लगती हुई सीटें हैं, लेकिन दोनों राजनीतिक दृष्टि से काफी अहम हैं। बाड़मेर राजस्थान का पाकिस्तान से लगता हुआ जिला है। यहां सेना भी तैनात है। यहां से भाजपा प्रत्याशी कैलाश चौधरी का मुकाबला अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में रक्षा मंत्री रह चुके जसवंत सिंह के पुत्र मानवेंद्र सिंह से है। मानवेंद्र सिंह दो बार भाजपा सांसद रह चुके हैं, लेकिन अब कांग्रेस में हैं। मानवेन्द्र सिंह राजपूत समुदाय के स्वाभिमान की बात करते हुए कांग्रेस में गए थे। खुद जसवंत सिंह ने पिछली बार टिकट नहीं मिलने पर यहां से निर्दलीय चुनाव लड़ा था, हालांकि हार गए थे। ऐसे में यह सीट राजनीतिक दृष्टि से भाजपा के लिए काफी अहम हो गई है।