नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को अपनी कर्नाटक रैली से लौटते हुए एक वीडियो शेयर किया जिसमें वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में बात करते नजर आ रहे हैं. रैली के बाद राहुल गांधी लोगों की प्रतिक्रिया को लेकर कांग्रेसी नेता गुंडु राव से बात कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के प्रचार, मेनिफेस्टो और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यवहार, बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं जैसे तमाम मुद्दों पर चर्चा की.
राहुल गांधी ने इस वीडियो को अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया है. इस दौरान वह यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि लोग चौकीदार और राफेल मामले को लेकर काफी सजग हैं. ये मुद्दे लोगों को उत्साहित कर रहे हैं. इसके साथ ही वह कह रहे हैं कि बेरोजगारी और किसान के मामले देश के बड़े मुद्दे हैं.
न्याय योजना को लेकर सकारात्मक
राहुल गांधी कह रहे हैं कि चुनाव मुख्य रूप से बेरोजगारी, किसानों की स्थिति, नरेंद्र मोदी के अनिल अंबानी के साथ व्यक्तिगत भ्रष्टाचार के बारे में है और हमारी न्याय योजना के बारे में लोग सकारात्मक हैं. नोटबंदी और पीएमओ में शक्ति केंद्रित होने के कारण हालात काफी खराब हो गए हैं.
इसके बाद गुडुं राव राहुल गांधी से कह रहे हैं कि कर्नाटक में लोगों की प्रतिक्रिया काफी सकारात्मक थी. इसके बाद वह पीएम मोदी के बारे में कहते हैं कि वह प्रचार मंत्री हैं न कि प्रधानमंत्री.
मोदी के पास इंटरव्यू का साहस नहीं
राहुल गांधी कहते हैं कि बेरोजगारी और किसानों के असल मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टीवी के सामने आने का साहस नहीं है. समझ में नहीं आता है कि वह प्रेस कॉन्फ्रेंस क्यों नहीं कर लेते हैं. उनके इंटरव्यू भी स्क्रिप्टेड हैं. मैंने उन्हें संसद में भी सवालों का जवाब देते हुए नहीं देखा. साथ ही राहुल गांधी यह भी कहते हैं कि कांग्रेस और नरेंद्र मोदी में एक अंतर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने चारों ओर की प्रतिभाओं का फायदा नहीं उठाते और उनके मन में जो भी आता है, वही करते हैं. 12 साल का बच्चा भी उनको सुनकर यह कहता है कि गलत बोल रहे हैं.
गुंडु राव कहते हैं कि मनमोहन सिंह को ये लोग मौनी बाबा कहते थे, लेकिन वो प्रेस कॉन्फ्रेंस किया करते थे. इसके बाद राहुल गांधी कहते हैं कि मनमोहन सिंहजी राज्यसभा में खड़े होते थे और बोलते थे, इससे उनके ज्ञान की झलक मिलती थी. उन्होंने कहा था कि नोटबंदी से जीडीपी दो फीसदी कम हो जाएगी और बाद में यही हुआ. इसीलिए न्याय योजना के लिए हमने श्रेष्ठ अर्थशास्त्रियों से मशविरा लिया है.