नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 के लिए पहले चरण में 20 राज्यों की 91 सीटों पर वोटिंग जारी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी अपनी सत्ता को बरकरार रखने की जद्दोजहद कर रही है. वहीं, राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस अपने खोए हुए सियासी जनाधार को वापस पाने के लिए हरसंभव कोशिश में है. ऐसे में कांग्रेस बनाम बीजेपी की सियासी संग्राम में दोनों पार्टियों की साख दांव पर लगी हुई है. इन्हें किसी राज्य में नुकसान हो रहा है तो किसी राज्य से उम्मीदें नजर आ रही हैं.
बीजेपी का क्या दांव पर
पहले चरण की जिन 91 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हो रही है उसमें 2014 में इनमें से 32 सीटें बीजेपी ने जीती थी. पश्चिम यूपी की जिन 8 सीटों पर मतदान हो रहा है ,ये सभी सीटें बीजेपी के पास थीं. उत्तराखंड की सभी 5, महाराष्ट्र की 7 में से 5, असम की 5 से 4, बिहार की 4 में 3 सीटें बीजेपी ने जीती थी. लेकिन इस बार बिहार में इन चार सीटों में से महज एक सीट पर बीजेपी चुनावी मैदान में है. बाकी तीन सीटों पर सहयोगी मैदान में हैं.
बीजेपी की उम्मीद
2019 के लोकसभा चुनाव में राजनीतिक हालात काफी बदले हुए हैं और 2014 से उलटा नजर आ रहा है. यूपी में सपा-बसपा-आरएलडी गठबंधन ने जहां चुनौती बढ़ाई है. वहीं कांग्रेस-एनसीपी महाराष्ट्र में तो बिहार में महागठबंधन ने बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. ऐसे में इन राज्यों की भरपाई के लिए बीजेपी की नजर पश्चिम बंगाल और ओडिशा जैसे राज्यों पर लगी हुई हैं. बंगाल में जिन दो लोकसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, वहां बीजेपी को अपने लिए अच्छी संभावनाएं दिख रही हैं. इसी तरह त्रिपुरा पश्चिम और मणिपुर बाहरी सीट पर बीजेपी जीत की उम्मीदें लगाए हुए हैं.
कांग्रेस की साख दांव पर
पहले चरण की 91 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस के पास महज 7 सीटें हैं. राहुल गांधी के अगुवाई में उतरी कांग्रेस के लिए अपने खोए हुए जनाधार को वापस हासिल करने की बड़ी चुनौती है. 2014 में कांग्रेस ने जिन सात सीटों पर जीत हासिल की थी, उनमें दो तेंलगाना, एक-एक अरुणांचल, असम, मेघालय, मिजोरम और मणिपुर की सीटें शामिल है.
बेहतर नतीजों की उम्मीद में कांग्रेस
पहले चरण की जिन लोकसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं वहां कांग्रेस पिछले चुनाव से बेहतर नतीजों की उम्मीदें लगाए हुए है. आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, अंडमान निकोबार, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, मेघालय, उत्तारखंड और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस जीत की आस लगाए हुए हैं. दरअसल उत्तरांखड में जो पार्टी सत्ता में रहती है, लोकसभा चुनाव में हमेशा उसे नुकसान का सामना करना पड़ता है.
ऐसे में कांग्रेस मानकर चल रही है कि उसे इस बार सियासी फायदा मिल सकता है. हाल ही में छत्तीसगढ़ में हुए सत्ता परिवर्तन से कांग्रेस फायदे की उम्मीद लगाए हैं. इसके अलावा महाराष्ट्र में एनसीपी साथ गठबंधन के जरिए जीत दर्ज करना चाहती है.
किंगमेकर बनने की जुगत में अन्य पार्टियां
पहले चरण में जिन सीटों पर वोटिंग हो रही हैं उसमें सबसे ज्यादा 16 सीटें टीडीपी के पास, 11 टीआरएस, 9 सीटें वाईएसआर कांग्रेस, 4 सीटें बीजेडी और 12 सीटें अन्य के पास थी. माना जा रहा है कि ये क्षेत्रीय दल एक बार फिर अपना करिश्मा दोहराने में कामयाब रहेंगे. दोनों राष्ट्रीय पार्टियों के अगर बहुमत नहीं मिलता है तो ये दल किंगमेकर की भूमिका में हैं. ऐसे में टीआरएस और वाईएसआर कांग्रेस पर बीजेपी की नजर होगी. वहीं, बसपा, सपा, टीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस से कांग्रेस उम्मीदे लगाए हुए हैं.