लोकसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों की तैयारियों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत की. उन्होंने अल्पसंख्यकों की कम होती उम्मीदवारी और शाहनवाज हुसैन का टिकट काटे जाने पर विस्तृत जवाब दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जब पूछा गया कि मुसलमान बीजेपी पर भरोसा क्यों नहीं कर पाता है, क्या वजह है?
उन्होंने कहा कि मैं हिंदू या मुस्लिम नहीं बल्कि हर एक भारतीय के लिए काम करता हूं. मैं सबका साथ, सबका विकास मंत्र के साथ काम करता हूं. देश के शासकों को ये अलगाववादी विचारों से मुक्त होना चाहिए. देश को एक इकाई के रूप में यूनिटी के रूप में देखना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए.
पीएम मोदी ने कहा, ”मैं एक अनुभव बताता हूं. मनमोहन सिंह की सरकार ने एक सच्चर कमेटी बनाई थी और वो सच्चर कमेटी गुजरात आई थी. मैं मुख्यमंत्री था तो सच्चर कमेटी के सारे मेंबर्स बैठे थे. मेरी सरकार के सारे अफसर बैठे थे और वो अपना रिपोर्ट तैयार कर रहे थे. उन्होंने मुझसे प्रश्न पूछा कि मोदी जी आपकी सरकार ने मुसलमानों के लिए क्या किया? मैंने उनको जवाब दिया था, मेरी सरकार ने मुसलमानों के लिए कुछ नहीं किया है और कुछ भी नहीं करेगी और फिर मैंने कहा लेकिन आगे सुन लीजिए. मेरी सरकार ने हिंदुओं के लिए भी कुछ नहीं किया है और हिंदुओं के लिए भी कुछ नहीं करेगी. मेरी सरकार गुजरात के सभी नागरिकों के लिए काम करती है और मेरी सरकार सब नागरिकों के लिए काम करेगी. मेरा मंत्र है सबका साथ, सबका विकास.”
उन्होंने आगे कहा, ”जब मैं कहता हूं कि मैं 2022 तक हिंदुस्तान का एक भी परिवार ऐसा नहीं होगा जिसके पास अपना पक्का घर नहीं होगा. अब मुझे बताइए क्या मुझे ये कहना चाहिए कि मैं मुसलमानों का पक्का घर बनाऊंगा. फिर यादव मिले तो तुम्हारा पक्का घर बनाऊंगा. दलित मिले तो कहूं, जी नहीं. मैं कहता हूं मैं हिंदुस्तान के सभी लोगों के लिए. जब मैं कहता हूं मैं बिजली दूंगा, हर परिवार को, हर परिवार मतलब 100%, मैं कहता हूं कि 18 हजार गांव जहां बिजली नहीं पहुंची है, मैं पहुंचाउंगा, मैंने पहुंचा दिया. फिर मैं नहीं पूछता वहां कौन सी जनसंख्या है. देश के शासकों को ये अलगाववादी विचारों से मुक्त होना चाहिए. देश को एक इकाई के रूप में यूनिटी के रूप में देखना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए. इसलिए मेरी सारी योजनाएं सबका साथ सबका विकास इस मंत्र को लेकर चल रही हैं.”
प्रधानमंत्री मोदी ने एबीपी न्यूज़ से आगे कहा, ”देश में राजनीति को इस दायरे में बांधकर के. देश को मुसलमानों को गुमराह करके. डर दिखाकर के वोट पाने का एक तरीका कुछ लोगों को सूट कर गया है. इसलिए वो इसको चला रहे हैं. हम गालियां खाते भी रहते हैं और सबका साथ सबका विकास का मंत्र लेकर चलते रहते हैं. जहां तक दुनिया का सवाल है. बहुत बड़ी घटना है कि इस्लामिक संस्थाओं के अंदर पहले यहां जो अपने आपको बड़ा सेक्यूलर के ठेकेदार मानते थे. उनके यहां गए हुए दरवाजे से बाहर निकाला था हमारे देश के नेताओं को. पहली बार उन्होंने गेस्ट स्पीकर के रूप में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को बुलाया और वहां पर उनका भाषण हुआ. सारी दुनिया को समझ आया है और आप देखिए सउदी अरब का एक बहुत बड़ा बुद्धिजीवी है, उसने एक आर्टिकल लिखा कि हम सब नमाज और कुरान से जुड़े हुए लोग आपस में एक दूसरे को काट रहे हैं और हिंदुस्तान मॉडल है कि जहां इतनी बड़ी तादाद में सब संप्रदाय के लोग रहते हैं लेकिन कैसे साथ जीना चाहिए उन्होंने सीख लिया है. इसका मतलब ये नहीं है कि छोटा मोटा तनाव नहीं होता होगा लेकिन मोटे तौर पर सीख लिया है.”
‘मुसलमानों को पाकिस्तान चले जाना चाहिए’ जैसे बयानों पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहली बात है कि मैं कभी भी इस प्रकार की भाषा को स्वीकार नहीं करता. मेरी पार्टी इस तरह के बयान देने वालों पर कार्रवाई करती है.
मुसलमानों को बीजेपी उम्मीदवार कम बनाए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम उम्मीदवार बनाते हैं. हमने तो अब्दुल कलाम साहब को राष्ट्रपति बनाया था. हम तो करते ही हैं. हमें तो कोई दिक्कत नहीं है.
प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार की भागलपुर सीट से शाहनवाज हुसैन का टिकट काटे जाने पर कहा कि वो गठबंधन के अपने समझौते होते हैं. उसमें किसी व्यक्ति का कारण थोड़ा होता है. किसी व्यक्ति के लिए इधर उधर नहीं जाती है.
ध्यान रहे कि बिहार में बीजेपी, जेडीयू और एलजेपी गठबंधन कर चुनाव लड़ रही है. तीनों दलों में हुए गठबंधन की शर्तों के तहत भागलपुर की सीट जेडीयू के खाते में चली गई. जेडीयू ने इस सीट से अजय कुमार मंडल को उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी की टिकट पर शाहनवाज हुसैन इस सीट से जीत दर्ज करते रहे हैं. हालांकि उन्हें 2014 के लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था.