नई दिल्ली। बीजेपी मार्गदर्शक मंडल के सदस्य लाल कृष्ण आडवाणी के ब्लॉग पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रतिक्रिया दी है. राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने अपने गुरु के लिए क्या किया है, क्या यह हिन्दू धर्म है, मोदी हमें हिन्दू धर्म सिखाएंगे.
नागपुर में राहुल गांधी ने कहा कि जब मोदी कभी भी ‘नफरत’ फैलाते हैं, तो पहले देखिए कि मोदी ने अपने गुरु के लिए क्या किया है, क्या यह हिन्दू धर्म है, मोदी हमें हिन्दू धर्म सिखाएंगे. उन्हें किसने ऐसा हिन्दू धर्म सिखाया है, जिसमें गुरु के साथ ऐसा व्यवहार किया जाना चाहिए.
As the senior most politician, fmr Dy PM and founding father of BJP, the views AdvaniJi has expressed about extending democratic courtesies,is significant. Of course, all Opposition who raise their voices are not anti national. We welcome his statement & convey our humble regards
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) April 4, 2019
वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्विटर पर लिखा, ‘वरिष्ठतम राजनीतिज्ञ, पूर्व डिप्टी पीएम और भाजपा के संस्थापक आडवाणी जी ने लोकतांत्रिक शिष्टाचार के बारे में जो विचार व्यक्त किया है, वह महत्वपूर्ण है. बेशक, सभी विपक्ष जो अपनी आवाज उठाते हैं, वे राष्ट्र विरोधी नहीं हैं. हम उनके बयान का स्वागत करते हैं.’
बता दें, लाल कृष्ण आडवाणी ने गुरुवार को एक ब्लॉग लिखा. नेशन फर्स्ट, पार्टी नेक्स, सेल्फ लास्ट शीर्षक से लिए गए इस ब्लॉग में उन्होंने कहा कि बीजेपी में हम सभी के लिए यह महत्वपूर्ण अवसर है कि हम पीछे देखें, आगे देखें और भीतर देखें.
आडवाणी ने कहा कि हमें उन लोगों को कभी भी एंटी नेशनल नहीं कहना चाहिए. जो हमारे साथ राजनीतिक रूप से असहमत हैं. पार्टी व्यक्तिगत और साथ ही राजनीतिक स्तर पर हर नागरिक की पसंद की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध है.
ब्लॉग में लाल कृष्ण आडवाणी ने कहा, ‘मेरे जीवन का मार्गदर्शक सिद्धांत है – नेशन फर्स्ट, पार्टी नेक्स्ट, सेल्फ लास्ट. सभी परिस्थितियों में मैंने इस सिद्धांत का पालन करने की कोशिश की है और आगे भी करता रहूंगा.’
उन्होंने कहा, ‘भारतीय लोकतंत्र का सार विविधता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान है. पार्टी व्यक्तिगत और राजनीतिक स्तर पर प्रत्येक नागरिक की पसंद की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध है. बीजेपी हमेशा मीडिया सहित हमारे सभी लोकतांत्रिक संस्थानों की स्वतंत्रता, अखंडता, निष्पक्षता और मजबूती की मांग करने में सबसे आगे रही है.’