चुनाव आयोग ने कहा- चुनावी प्रक्रिया बिल्कुल दुरुस्त, विपक्ष की याचिका पर सुनवाई सोमवार तक टली

नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने कहा है कि VVPAT पर्चियों के EVM से मिलान को बढ़ाकर 50 फीसदी करने की ज़रूरत नहीं है. इससे समय और संसाधन की बर्बादी होगी. कोर्ट ने आयोग को इस पर हलफनामा देने को कहते हुए 21 विपक्षी पार्टियों की याचिका पर सुनवाई सोमवार, 1 अप्रैल के लिए टाल दी है.

क्या है मामला

सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस समेत 21 विपक्षी पार्टियों ने याचिका दायर कर लोकसभा चुनाव में 50 फ़ीसदी VVPAT पर्चियों का मिलान EVM से किए जाने की मांग की है. कोर्ट ने चुनाव आयोग के किसी कोई जिम्मेदार अधिकारी को सुनवाई के दौरान मौजूद रहने को कहा था. इस आदेश का पालन करते हुए उप चुनाव आयुक्त सुदीप जैन कोर्ट में पेश हुए.

आयोग का जवाब

जैन ने कोर्ट को बताया कि अभी हर विधानसभा सीट से एक EVM मशीन के VVPAT से मिलान की व्यवस्था है. लोकसभा चुनाव में ये संख्या उतनी होती है, जितनी विधानसभा सीटें उस लोकसभा क्षेत्र के तहत आती हैं. अब तक इस व्यवस्था का परिणाम शत प्रतिशत रहा है. एक भी गलती नहीं पाई गई. ऐसे में मिलान की प्रक्रिया बढ़ाने की मांग गैरज़रूरी है. अगर इसे बढ़ा कर 50 फीसदी कर दिया गया तो इससे समय और संसाधन की बर्बादी होगी. चुनाव के परिणाम घोषित करने में समय लगेगा.

कोर्ट ने क्या कहा

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने आयोग के अधिकारी को इस बात की याद दिलाई कि VVPAT की व्यवस्था कोर्ट के आदेश पर ही शुरू हुई थी. बेंच ने कहा, “आप प्रक्रिया की शुद्धता की बात कर रहे हैं. फिर कोर्ट के दखल की ज़रूरत क्यों पड़ती है.” याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने चुनाव आयोग के जवाब का विरोध करते हुए दलील रखनी चाही. लेकिन चीफ जस्टिस ने उन्हें रोकते हुए कहा, “हम चाहते हैं कि आयोग ने जो कहा, उस पर गुरुवार 4 बजे तक हलफनामा दे. सोमवार सुबह साढ़े 10 बजे फिर सुनवाई होगी. आयोग के अधिकारी उस दिन भी मौजूद रहें.”

किन नेताओं की है याचिका

जिन 21 विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है, वो हैं

1. एन चंद्रबाबू नायडू (तेलगु देशम)

2. शरद पवार (एनसीपी)

3. के सी वेणुगोपाल (कांग्रेस)

4. डेरेक ओब्रायन (तृणमूल कांग्रेस)

5. शरद यादव (लोकतांत्रिक जनता दल)

6. अखिलेश यादव (समाजवादी पार्टी)

7. सतीश चंद्र मिश्र (बहुजन समाज पार्टी)

8. एम के स्टालिन (डीएमके)

9. टी के रंगराजन (सीपीआई M)

10. मनोज कुमार झा (आरजेडी)

11. अरिवंद केजरीवाल (आम आदमी पार्टी)

12. फारूक अब्दुल्ला (नेशनल कांफ्रेंस)

13. एस सुधाकर रेड्डी (सीपीआई)

14. कुंवर दानिश अली (जेडीएस)

15. अजीत सिंह (आरएलडी)

16. बदरुद्दीन अजमल (एआईयूडीएफ)

17. जीतन राम मांझी (एचयूएम)

18. अशोक सिंह (जेवीएम)

19. खुर्रम अनीस ओमर (इंडियन मुस्लिम लीग)

20. प्रो. कोडनदरम (तेलंगाना जन समिति)

21. के जी केन्ये (एनपीएफ)

इन नेताओं ने याचिका में कहा है कि चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से होना लोकतंत्र के हित में है. इसके लिए ज़रूरी है कि कम से कम 50 फ़ीसदी VVPAT की पर्चियों का मिलान EVM से हो. इससे लोगों का भरोसा चुनाव प्रक्रिया में बना रहेगा.

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