पूर्व क्रिकेटर व बीजेपी नेता गौतम गंभीर ने तीन दिन पहले विराट कोहली को लेकर कहा था कि वह चतुर कप्तान नहीं है और इस मामले में उनकी तुलना भारत के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी और सीमित ओवरों के फॉर्मेट में टीम के उपकप्तान रोहित शर्मा से नहीं की जा सकती. विराट कोहली ने गौतम गंभीर की टिप्पणी के संबंध में शुक्रवार को पूर्व सलामी बल्लेबाज का नाम लिए बिना जवाब दिया.
कोहली ने कहा कि अगर वह यह सोचने लगे कि बाहर बैठे लोग क्या कह रहे हैं तो वह घर पर बैठे होते. गंभीर की टिप्पणी के बारे में कोहली ने कहा, “निश्चित रूप से आप आईपीएल जीतना चाहते हो. मैं वही कर रहा हूं जो मुझसे करने की उम्मीद की जाती है. मैं परवाह नहीं करता कि मेरे आईपीएल जीतने या नहीं जीतने पर आलोचना की जायेगी. आप किसी भी तरह की सीमाएं नहीं बनाते. मैं कोशिश करता हूं कि अपना सर्वश्रेष्ठ करूं, जितना कर सकता हूं. मैं सभी संभावित खिताब जीतना चाहता हूं, लेकिन कभी कभार ऐसा नहीं होता.”
कोहली ने कहा, “हमें इसके बारे में व्यवहारिक होना चाहिए कि हम ऐसा क्यों नहीं कर सके. ऐसा दबाव भरे हालत में खराब फैसले करने से हुआ. अगर मैं बाहर बैठे लोगों की तरह सोचने लगूं तो मैं पांच मैच तक भी नहीं खेल सकूंगा और मैं घर पर बैठा होता.”
कोहली के बारे में यह कहा था गंभीर ने
अपनी कप्तानी में कोलकाता नाईट राइडर्स (केकेआर) को 2012 और 2014 में चैम्पियन बनाने वाले गंभीर ने कहा था कि कोहली भाग्यशाली हैं कि कप्तान के तौर पर पिछले आठ साल से टीम को खिताब नहीं दिला पाने के बाद भी वह रॉयल चैलेंजर बेंगलूर के साथ बने हुए हैं. गंभीर ने कहा था, “मैं उन्हें चतुर कप्तान के तौर पर नहीं देखता हूं. मैं उन्हें रणनीतिक कप्तान के रूप में भी नहीं देखता हूं. उन्होंने आईपीएल नहीं जीता है. एक कप्तान उतना ही अच्छा होता है जितना अच्छा उसका रिकार्ड होता है.”
गंभीर ने कहा था, “आईपीएल में ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने तीन बार ट्रॉफी जीती है. धोनी और रोहित. इसलिए मुझे लगता है कि कोहली को अभी लंबा रास्ता तय करना है. आप इस मामले में उनकी तुलना रोहित या धोनी से नहीं कर सकते.”
केकेआर के साथ सात साल तक खेलने के बाद 2018 में टीम से अलग हुए गंभीर ने कहा था, “कोहली आरसीबी का हिस्सा रहे हैं और पिछले सात-आठ वर्षों से टीम की कप्तानी कर रहे हैं. वह बहुत भाग्यशाली रहे हैं और उन्हें इस फ्रैंचाइजी को धन्यवाद देना चाहिए कि वे उनके साथ बने रहे. क्योंकि टूर्नामेंट नहीं जीतने वाले कई कप्तानों को इतना लंबा समय नहीं दिया जाता.”