आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग केस में सुप्रीम कोर्ट ने क्रिकेटर एस श्रीसंत को राहत देते हुए उन पर लगाए गए आजीवन प्रतिबंध को हटा दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि श्रीसंत का यह कहना गलत है कि BCCI को उसे सजा देने का अधिकार नहीं है. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि BCCI को किसी भी मामले में क्रिकेटर पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का अधिकार होता है, लेकिन श्रीसंत को दी गई सजा अधिक है. कोर्ट ने कहा है कि BCCI उसकी सजा पर फिर से विचार करे और इस पर 3 महीने में निर्णय ले.
बता दें कि 2013 में IPL स्पॉट फिक्सिंग मामला सामने आने के बाद उन पर बैन लगाया गया था. दिल्ली की निचली अदालत उन्हें बरी कर चुकी है,लेकिन केरल हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए BCCI के बैन निर्णय को बरकरार रखा था. दरअसल, बीसीसीआई ने श्रीसंत पर आईपीएल-2013 में स्पॉट फिक्सिंग का दोषी पाए जाने पर अजीवन प्रतिबंध लगाया था. इसके खिलाफ श्रीसंत ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इससे पहले बीसीसीआई ने कोर्ट में कहा था कि श्रीसंत पर भ्रष्टाचार, सट्टेबाजी और खेल को बेइज्जत करने के आरोप हैं.
बीसीसीआई की तरफ से अदालत में दलील दे रहे वरिष्ठ वकील पराग त्रिपाठी ने कहा था कि खेल में भ्रष्टाचार और सट्टेबाजी के लिए सजा आजीवन प्रतिबंध है. त्रिपाठी ने इस मसले पर बीसीसीआई की जीरो टॉलरेंस नीति का हवाले देते हुए अदालत को बताया था कि श्रीसंत ने कभी भी बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधी ईकाई के सामने इस बात का जिक्र नहीं किया था कि सट्टेबाजों ने उनसे संपर्क साधा.बीसीसीआई ने कोर्ट में कहा था कि श्रीसंत ने उन 10 लाख रुपये के स्रोत के बारे में भी जांच समिति को नहीं बताया, जिसका जिक्र टेलीफोन पर की गई बातचीत में किया गया है.
इस पर श्रीसंत की तरफ से वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने कहा था कि यह बीसीसीआई को स्थापित करना है कि वह 10 लाख रुपये मैच फिक्सिंग से संबंधित हैं. टेलीफोन पर हुई बातचीत को लेकर खुर्शीद ने कहा कि लेनदेन तब होता जब खिलाड़ी एक ओवर में 14 रन से कम देता.अपनी बात खत्म करते हुए खुर्शीद ने कोर्ट से कहा था कि युवा क्रिकेट खिलाड़ी जो अब युवा नहीं रहा, लेकिन अभी भी उसमें क्रिकेट को लेकर जुनून बाकी है, उसके करियर को बर्बाद होने से बचाया जाए. इससे पहले की सुनवाई में श्रीसंत ने कहा था कि उन्होंने दिल्ली पुलिस के दबाव में जुर्म कबूला था.
Spot fixing case: Supreme Court in its order asked the BCCI to reconsider S Sreesanth’s plea within three months. pic.twitter.com/VXrtP0yWzO
— ANI (@ANI) March 15, 2019
श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अजीत चंदीला सहित स्पॉट फिक्सिंग मामले में सभी 36 आरोपरियों को जुलाई 2015 में पटियाला हाऊस कोर्ट ने आपराधिकमामले से बरी कर दिया था. श्रीसंत ने 2015 में श्रीलंका के खिलाफ नागपुर में एकदिवसीय मैच के साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था. उन्होंने 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट पदार्पण किया. श्रीसंत ने 27 टेस्ट में 37.59 के औसत से 87 विकेट जबकि वनडे में 53 मैचों में 33.44 की औसत से 75 विकेट चटकाए.