लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय पर पार्टी के लोकसभा प्रभारियों व जोनल कोऑर्डिनेटरों संग बैठक की. उत्तर प्रदेश में राज्य तथा मण्डल स्तर के वरिष्ठ पदाधिकारियों और पार्टी के जिम्मेदार लोगों की अहम बैठक में लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी प्रत्याशियों के साथ-साथ अन्य जरूरी राजनीतिक एवं चुनावी मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श करने के बाद उन्हें अन्तिम रूप दिया.
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे सपा कार्यकर्ताओं के साथ सामंजस्य बिठाकर प्रचार-प्रसार की तैयारी करें. बैठक में लोकसभा चुनाव के प्रत्याशियों के नाम पर चर्चा हुई हालांकि किसी प्रकार की घोषणा नहीं की गई है. बैठक में कार्यकर्ताओं को चुनाव आचार संहिता का सख्ती से पालन करने का भी निर्देश दिया गया. बसपा सुप्रीमो ने कार्यकर्ताओं से 15 मार्च को बसपा के संस्थापक कांशीराम और 14 अप्रैल को बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती पूरी शालीनता के साथ घर पर ही मनाने को कहा.
मायावती ने कार्यकर्ताओं को सावधान करते हुए कहा ‘यह नहीं भूलना चाहिए कि सत्ताधारी बीजेपी अनेकों हथकण्डों का इस्तेमाल कर चुनाव जीतने में विश्वास रखती है. उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड और मध्य प्रदेश में बसपा-सपा गठबंधन विश्वसनीय विकल्प बनकर आगे बढ़ रहा है तथा अच्छे परिणाम आने की पूरी संभावना है. ईवीएम पर भी खास ध्यान रखने की जरूरत है.’
अखिलेश-मायावती की पहली संयुक्त रैली 7 अप्रैल को देवबंद में
उधर, सूत्रों के मुताबिक समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और बीएसपी अध्यक्ष मायावती लोकसभा चुनाव प्रचार की शुरूआत नवरात्रि से करेंगे. यूपी में सपा-बसपा-आरएलडी गठबंधन की पहली संयुक्त रैली 7 अप्रैल को सहारनपुर के देवबंद में होगी. सहारनपुर मुस्लिम बाहुल्य इलाका है और देवबंद अपने फतवों को लेकर सुर्खियों में रहता है. देवबंद की संयुक्त रैली में अखिलेश-मायावती के साथ साथ राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह भी मौजूद रहेंगे. अजित सिंह मुज़फ्फरनगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी भी कर रहे हैं.