विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान की पाकिस्तान से वापसी हो रही है. पायलट की ये रिहाई इतनी आसान नहीं थी. एक तरफ देश भर में उनके लिए दुआएं मांगी जा रही थीं. दूसरी ओर भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक जंग छेड़ रखी थी. भारत ने सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्य देशों समेत कई देशों को अपने पाले में खड़ा कर लिया था. और हर देश को ये साफ-साफ बोल दिया था कि पाकिस्तान को भारतीय पायलट हर हाल में रिहा करना होगा. इसमें किसी तरह की ना-नुकुर बर्दाश्त नहीं की जाएगी. विंग कमांडर अभिनंदन की रिहाई के लिए 28 फरवरी को प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय में दिन भर गहमागहमी रही.
भारत ने कौन-कौन से देशों को अपने पाले में किया?
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन जैसे तमाम देशों को एक साथ अपने पाले में किया. सूत्रों के मुताबिक भारत ने दुनिया भर के देशों को बताया कि दोनों देशों के बीच तनाव कम करने का जिम्मा पाकिस्तान का है. मगर ऐसा नहीं हुआ तो पाकिस्तान पर हमला किया जाएगा. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक भारत के सख्त रुख को देखते हुए ज्यादातर देशों ने पाकिस्तानी सरकार को हालात से रूबरू कराया. सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों के वार्ताकारों ने पाकिस्तान से कहा कि भारत उस पर तीन तरह से कार्रवाई करने की प्लानिंग कर रहा है. इंडियन नेवी कराची की ओर बढ़ेगी. पाकिस्तान पर बैलिस्टिक मिसाइल भी दागने की तैयारी है. इसके अलावा इंडियन आर्मी पाकिस्तानी बॉर्डर पर भी हमला बोलने को तैयार है. (हालांकि भारत ने ऐसी किसी हलचल से इनकार किया था.)
भारत की ऐसी घेराबंदी के बारे में सुनकर पाकिस्तानी सरकार और सेना के हाथ-पांव फूल गए. हालात बेकाबू होते देख दुनिया भर के देशों ने पाकिस्तान के हुक्मरानों पर जबरदस्त दबाव डाला. भारत का कहना था कि वो तनाव नहीं बढ़ाना चाहता है.
पाकिस्तान के खिलाफ सबूत दिए गए
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक भारत सरकार ने दुनिया भर के देशों के सामने मजबूती से अपना पक्ष रखा. भारत ने दुनिया को बताया कि उसने आतंकियों के खिलाफ सीमित कार्रवाई की थी. भारत ने अपने बचाव में पाकिस्तान की आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी. मगर पाकिस्तान ने भारत के रक्षा ठिकानों को निशाने पर लिया. उसके 20 से ज्यादा एयरक्राफ्ट ने भारत के सैन्य स्थलों पर लेजर बम से हमले किए. ये बम सैन्य स्थलों से कुछ ही दूरी पर गिरे. जाहिर है इस तरह की बमबारी पेड़ों और पत्थरों पर तो नहीं की गई होगी. भारत ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से की गई ये हरकत ‘एक्ट ऑफ एग्रेशन’ यानी उकसावे की कार्रवाई है.
भारत ने दुनिया के सामने पाकिस्तान के झूठ को भी बेनकाब किया. पाकिस्तान की ओर से भारत के दो मिग गिराने और दो भारतीय पायलट कब्जे में होने के दावे किए गए थे. इस पर भारत ने दुनिया को बताया कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर झूठे दावे कर रहे हैं. सच्चाई तो ये है कि पाकिस्तानी सेना अपने प्रधानमंत्री से भी सच्चाई छिपा रही है.
अमेरिका का खुला समर्थन हासिल किया
इसी गहमागहमी के बीच 28 फरवरी को अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो और अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से बातचीत की. अमेरिका ने भारत को पूरा समर्थन देने का भरोसा दिया. अमेरिका ने ये भी कहा कि भारत को सीमा पार से जारी आतंकवाद से आत्मरक्षा का पूरा हक है.
भारत ने कहा, फिलहाल मिशन पूरा
अखबार की न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार ने दुनिया भर की सरकारों को भरोसा दिया कि उसका आतंकी कैंपों के खिलाफ ये मिशन फिलहाल पूरा हो चुका है. अब सारी कवायद पायलट को लेकर है. पाकिस्तान को उसे हर हाल में लौटाना होगा. पाकिस्तान की जिम्मेदारी है कि वो युद्ध बंदियों पर जेनेवा कन्वेंशन-1949 का पालन करे. पाकिस्तान को इंसानियत के आधार पर पायलट की वापसी सुनिश्चित करनी होगी. इन हालात में पाकिस्तान के साथ किसी तरह की कोई बातचीत नहीं हो सकती है. और अगर पायलट की रिहाई में कोई गफलत हुई तो हालात बिगड़ने में वक्त नहीं लगेगा.
पाकिस्तान को अलग-थलग किया
भारत के कूटनीतिक दांव से पाकिस्तान खुद को अलग-थलग महसूस करने लगा. सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्यों में पाकिस्तान को चीन से बड़ी उम्मीद थी. उलटे सभी देशों ने पाकिस्तान से आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा. यहां तक की संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों ने भी पाकिस्तान को आईना दिखा दिया. पाकिस्तान उस पर दबाव डाल रहा था कि वो भारत को अंतर्राष्ट्रीय इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन की बैठक में न बुलाए. मुस्लिम देशों की ये बैठक इस वक्त यूएई में चल रही है. इसमें भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को चीफ गेस्ट बनाया गया है. मगर संयुक्त अरब अमीरात ने उसकी इस मांग को ठुकरा दिया. यूएई और सऊदी अरब जैसे देशों से भी समर्थन न मिलने से पाकिस्तान के पास बेहद कम विकल्प बचे.
आखिर में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने संसद में बयान देने का फैसला लिया. इसमें उन्होंने विंग कमांडर अभिनंदन की रिहाई का ऐलान किया. इस कदम से इमरान खान पाकिस्तानी सेना की पेशेवर छवि भी गढ़ने की कोशिश कर रहे हैं. वे ये जताने की कोशिश कर रहे हैं कि उसने मानवीय आधार पर भारतीय पायलट की बिना शर्त रिहा कर दिया. मगर इन सबके बाद भी भारत ने साफ कर दिया है कि पायलट की रिहाई से आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई रुकने वाली नहीं है. पाकिस्तान को अपनी जमीन से आतंकी समूहों का खात्मा करना ही होगा. और उसके इस कदम का दुनिया के कई देश समर्थन कर रहे हैं.