नई दिल्ली/लखनऊ : उत्तर प्रदेश के देवबंद से शुक्रवार को गिरफ्तार किए गए जैश के दो संदिग्ध आतंकियों से एटीएस की पूछताछ लगातार जारी है. जैसे-जैसे पूछताछ आगे बढ़ रही है, नए-नए खुलासे हो रहे हैं. रविवार को यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने संदिग्ध शाहनवाज से 4 घंटे तक अपने दफ्तर में पूछताछ की जिसके बाद कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं. इस पूछताछ में पुलवामा में CRPF काफिले पर हुए हमले के भी सुराग मिले हैं.
गिरफ्तार किए गए जैश के संदिग्ध शाहनवाज अहमद तेली और आकिब अहमद के मोबाइल फोन की जांच की गई जिसमें पता चला कि यह लोग वर्चुअल नंबर इस्तेमाल करते थे और इनके पास BBM के फोन थे. जांच में यह भी सामने आया कि इनके मोबाइल में ऐसे ऐप डाउनलोड थे, जो प्ले स्टोर पर मौजूद ही नहीं है. इसके जरिए ही वह अपने साथियों से संपर्क करते थे. आतंकियों के इस मॉड्यूल और संगठन के अन्य सदस्यों के बारे में भी अहम सुराग एटीएस के हाथ लगे हैं.
मैसेज से हुए कई खुलासे
जानकारी के मुताबिक संदिग्धों से पूछताछ में जुटाई गई जानकारी की बिनाह पर छापेमारी कर कई और गिरफ्तारियां हो सकती हैं. साथ ही संदिग्धों के मोबाइल मैसेज खंगालने पर हथियारों के मूवमेंट और किसी बड़ी वारदात की तैयारी को लेकर भी अहम खुलासे हुए हैं. यूपी के डीजीपी ने इस मामले में जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह से भी बातचीत की है. सूत्रों की मानें तो ये संदिग्ध पुलवामा हमले के अंजाम देने वाले जैश आतंकियों के संपर्क में भी थे.
इन दोनों संदिग्धों को सहारनपुर के देवबंद से गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने इनके पास से 32 बोर एक गन और गोलियां बरामद की थीं. पुलिस के मुताबिक यह बगैर दाखिले के देवबंद में रह रहे थे, साथ ही दोनों के पास से जिहादी ऑडियो-वीडियो कंटेंट भी मिला है.
पुलवामा हमले से लिंक!
पुलिस ने बताया कि इनमें से एक संदिग्ध शाहनवाज अहमद जम्मू कश्मीर के कुलगाम का रहने वाला है जबकि दूसरा आकिब पुलवामा का रहने वाला है. यही वजह है कि पुलवामा आतंकी हमले में इनका हाथ होने का शक पुलिस की ओर से जताया गया है.
संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद डीजीपी की ओर से जानकारी दी गई थी कि इनमें से एक संदिग्ध शाहनवाज के जिम्मे आतंकियों की भर्ती का काम था. साथ ही यह लोग युवाओं का ब्रेनवॉश कर उन्हें जैश में शामिल करने का काम करते थे. इसके अलावा शाहनवाज को ग्रेनेड एक्सपर्ट भी बताया है.