नई दिल्ली। पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को लेकर भारत और पाकिस्तान आज एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय अदालत के अखाड़े में आमने-सामने थे. द हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत में दोनों मुल्कों की दलीलों की सुनवाई करेगी. कार्यवाही के स्थगित होने पर भारत का पक्ष रख रहे हरीश साल्वे ने कुलभूषण जाधव को निर्दोष बताकर रिहाई की मांग की है. साथ ही उन्होंने साफ किया है कि इस मामले में पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता.
हरीश साल्वे आईसीजे में भारत का पक्ष रखते हुए इस मामले को वियना कन्वेंशन का एक गंभीर उल्लंघन बताया है. हरीश साल्वे ने अपील की कि कांसुलर एक्सेस के बिना जाधव की निरंतर हिरासत को गैरकानूनी घोषित किया जाना चाहिए.
हरीश साल्वे ने पाकिस्तान इस मामले का इस्तेमाल प्रोपेगेंडा के लिए करने का आरोप लगाया. उन्होंने आगे कहा, पाकिस्तान बिना देर किए कांसुलर एक्सेस देने के लिए बाध्य था. हरीश साल्वे ने कहा, ”इस तरह के मामलों में आर्टिकल 36 कांसुलर एक्सेस का अधिकार देते है. यह मांग अधिकार के खिलाफ नहीं है.” हरीश साल्वे ने कहा, ”पाकिस्तान का आचरण विश्वास के लायक नहीं है. पाकिस्तान ने एक भारतीय को हिरासत में लेकर उसे बलूचिस्तान में अशांति पैदा करने वाले आतंकवादी और भारतीय एजेंट के रूप में दिखाया है. भारत के खिलाफ माहौल बनाने के लिए पाकिस्तान जाधव का इस्तेमाल कर रहा है.”
हरीश साल्वे ने साफ कहा है कि ”इस मामले में पाक की सैन्य अदालत पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. उन्हें इस मामले पर दोबारा विचार करने का मौका नहीं दिया जाना चाहिए. जाधव निर्दोष है और उसे जल्द ही रिहा किया जाना चाहिए.”
आईसीजे का फैसला आने में लग सकता है वक्त
पाकिस्तान के पास 21 फरवरी को इसी समयावधि में उत्तर देने का मौका होगा. पूरी सुनवाई कैमरों के आगे होगी जिसे यूएन टीवी पर देखा जा सकता है. हालांकि इस सुनवाई के बाद मामले पर आईसीजे का फैसला आने में कुछ वक्त लग सकता है. इससे पहले 15 मई को हुई सुनवाई में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस की 10 सदस्यीय पीठ ने मामले पर सुनवाई की थी. पीठ ने 18 मई 2017 को सर्वानुमति से सुनाए फैसले में पाकिस्तान को मामले में न्यायिक निर्णय आने तक जाधव को सजा देने पर रोक लगा दी थी.