नई दिल्ली। अगर आप भी नौकरी पेशा है और आपका पीएफ अकाउंट है तो यह खबर आपके लिए है. सरकार ईपीएस 1995 स्कीम (EPS 1995 scheme) के तहत न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर 3000 रुपये तक करने की योजना जल्द ला सकती है. मौजूदा समय में इस योजना के तहत कर्मचारियों को 1000 रुपये तक की न्यूनतम पेंशन की व्यवस्था है. वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट में प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के तहत असंगठित क्षेत्र के कामगरों के लिए न्यूनतम पेंशन 3000 रुपये शुरू करने का ऐलान किया है. इस योजना से कामगर 15 फरवरी से जुड़ सकते हैं.
पेंशन की सीमा बढ़ाने की मांग
सरकार बजट में घोषित इस मेगा पेंशन स्कीम को चुनाव से पहले अमलीजामा पहनाना चाहती है. ईपीएफओ के केंद्रीय बोर्ड के ट्रस्टी व भारतीय मजदूर संघ के महासचिव विरजेश उपाध्याय ने बताया कि काफी समय से पेंशन की सीमा को बढ़ाकर 3000 रुपये किए जाने की मांग की जा रही है. अब तक कर्मियों को ईपीएस 1995 योजना के तहत मात्र 1000 रुपये की पेंशन ही मिलती थी. सरकार यदि यह व्यवस्था करती है तो ईपीएफओ के सभी सदस्य न्यूनतम 3000 की पेंशन पाने के लिए अधिकृत होंगे.
12000 करोड़ का सालाना बोझ बढ़ेगा
भारतीय मजदूर संघ ने पेंशन को 3000 तक बढ़ाने की मांग को सरकार को भेजा है. खबरों के अनुसार सरकार लोकसभा चुनाव के पहले इस संबंध में घोषणा कर सकती है. ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड के सभी ट्रस्टियों ने इस संबंध में सरकार से पेंशन की सीमा को बढ़ाने के लिए कहा है. इकोनॉमिक टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार सरकार ईपीएस योजना के तहत पेंशन की न्यूनतम सीमा को बढ़ा कर 2000 रुपये करने पर गंभीरता से विचार कर रही है. यदि सरकार यह निर्णय लेती है तो 12000 करोड़ रुपये तक का सालाना बोझ बढ़ेगा.
फिलहाल सरकार इस योजना के तहत 9000 करोड़ रुपये खर्च करती है. ऐसे में सरकार पर 3000 करोड़ का बोझ बढ़ जाएगा. फिलहाल यह प्रस्ताव वित्त मंत्रालय के पास विचाराधीन है. मीडिया रिपोर्टस के अनुसार सरकार चुनावी साल को ध्यान में रखकर पेंशन को बढ़ाने का निर्णय ले सकती है. सरकार की तरफ से यह कदम उठाया जाता है तो इससे करीब 5 करोड़ पीएफ खाताधारकों को फायदा होगा.