इस्लामाबाद। उकसावे का एक और कदम उठाते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी को फोन कर कश्मीर मुद्दे पर चर्चा की है. विदेश दफ्तर ने रविवार को यह जानकारी दी है. इससे कुछ दिन पहले भी कुरैशी ने एक अन्य अलगाववादी नेता को फोन किया था, जिससे भारत नाराज हो गया था. विदेश दफ्तर ने एक बयान में कहा कि कुरैशी और गिलानी ने “कश्मीरी लोगों के साथ एकजुटता जताने के लिए” लंदन में आयोजित होने वाले एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के बारे में चर्चा की.
बयान में कहा गया है, ‘‘ विदेश मंत्री कुरैशी ने कश्मीर दिवस के सिलसिले में लंदन में आयोजित होने वाली अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए रवाना होने से पहले ऑल पार्टीज़ हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के आला नेतृत्व से फोन पर बातचीत की.’’ कुरैशी ने मंगलवार को हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक को फोन किया था और उनसे कश्मीर मुद्दे को रेखांकित करने की इस्लामाबाद की कोशिशों पर चर्चा की थी.
भारत ने बुधवार को पाकिस्तान के राजदूत सुहैल महमूद को तलब किया था और उनसे साफ-साफ कह दिया था कि मीरवाइज फारूक के साथ कुरैशी की फोन पर बातचीत भारत की एकता को ‘तोड़ने’ की ‘खुली कोशिश’ और इसकी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करती है. भारत ने कहा कि एक अलगाववादी नेता के साथ कुरैशी की फोन पर बातचीत भारत के साथ रिश्तों पर पाकिस्तानी नेतृत्व के दोहरे रवैये को दिखाता है.
पाकिस्तान के विदेश दफ्तर ने रविवार को कहा कि कुरैशी ने लंदन में होने वाले कार्यक्रमों के बारे में गिलानी के साथ विचारों का आदान-प्रदान किया. बयान में कहा गया है, ‘‘ विदेश मंत्री सोमवार को ब्रिटिश संसद में अंतरराष्ट्रीय कश्मीर सम्मेलन को संबोधित करेंगे. वह कश्मीर दिवस के सिलसिले में मंगलवार को पार्क लेन में एक नुमाइश में भी हिस्सा लेंगे.’’
मुल्तान में शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए कुरैशी ने कहा कि उनके मुल्क का भारत के अंदरूनी मामलों में दखल देने का कोई इरादा नहीं है और नयी दिल्ली को कश्मीरी अलगाववादी नेता फारूक से टेलीफोन पर उनकी बातचीत को मुद्दा नहीं बनाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि नयी दिल्ली को अपनी परेशानियों के लिए पाकिस्तान को कसूरवार ठहराना बंद करना चाहिए. कुरैशी ने कहा, ‘‘हम बातचीत के जरिए कश्मीर विवाद हल करना चाहते हैं लेकिन भारत बिना वजह हंगामा कर रहा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत में मुद्दे उभर रहे हैं लेकिन पाकिस्तान की उसमें कोई भूमिका नहीं है.’’
कुरैशी ने कहा कि वह इस सप्ताह लंदन में हाउस ऑफ कॉमन्स में एक कार्यक्रम में कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का नज़रिया रखेंगे. विदेश दफ्तर ने कुरैशी के लंदन रवाना होने से पहले एक बयान जारी किया जिसमें उनके हवाले से कहा गया है कि कश्मीर पाकिस्तान की विदेश नीति का एक ‘अहम स्तंभ’ है. उन्होंने कहा, ‘‘ पाकिस्तान राजनीतिक, नैतिक और विदेशी स्तरों पर उत्पीड़ित कश्मीरियों को अपनी हिमायत देना जारी रखेगा और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के जरिए कश्मीर विवाद का हल चाहता है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर कश्मीर मुद्दे को उठाया जाता है तो भारत नाराज़ होता है. हालांकि यह तथ्य है कि कश्मीर ऐसा मुद्दा है जिसका हल हो सकता है. लंदन में हाउस ऑफ कॉमन्स में कश्मीर पर आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में इस मुद्दे पर पाकिस्तान का नज़रिया पेश करने से भारत का असली चेहरा सामने आएगा.’’ भारत पाकिस्तान को स्पष्ट कर चुका है कि बातचीत और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते हैं.