नई दिल्ली। बांग्लादेश स्थित जमात-उल-मुजाहिद्दीन(जेईएम) नामक आतंकी संगठन भारत में बड़े आतंकी हमले करने की साजिश रच रहा है. अपनी इस साजिश को अंजाम देने के लिए जेइएम ने पश्चिम बंगाल में मौजूद अपने गुर्गों को सक्रिय किया है. जेइएम की इस साजिश का खुलासा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कादर काजी और सज्जाद अली नामक दो आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद किया है. दोनों आरोपियों को एनआईए ने आरामबाद (पश्चिम बंगाल) इलाके से गिरफ्तार किया था.
बरामद हुआ आईईडी बनाने का सामान
एनआईए से जुड़े सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए सज्जाद अली नामक आरोपी के कब्जे से एनआईए ने बैटरी, वायर, इलेक्ट्रिक सक्रिट, इलेक्ट्रानिक क्लाक और घडि़यां बरामद की है. बरामद किए गए सभी सामान का इस्तेमाल आतंक हमले के लिए आईईडी बनाने के लिए किया जाना था. आईईडी बनाने के लिए दोनों आरोपियों ने पश्चिम बंगाल के आरामबाग इलाके में स्थिति एक निर्माणाधीन तीन मंजिला इमारत को अपना ठिकाना बना रखा था. इसी ठिकाने से दोनों को एनआईए ने गिरफ्तार किया है.
5 लाख का ईनामी है कादर काजी
एनआईए के अनुसार 32 वर्षीय कादर काजी मूल रूप से पश्चिम बंगाल के वीरभूमि इलाके का रहने वाला है. सुरक्षा एजेंसियों की गिरफ्त से बचने के लिए वह कभी मिजानुर रहमान बन जाता था, तो कभी अपनी पहचान हानुर मंडल बताता था. एनआईए ने बर्दवान ब्लास्ट केस में कादर काजी की सीधी संलिप्तता पाई थी. जिसके बाद उसे बर्दवान ब्लास्ट केस में नामजद किया गया था. लंबे समय से गिरफ्तारी से बच रहे कादर काजी पर एनआईए ने 5 लाख रुपए का ईनाम भी घोषित किया था. एनआईए के अनुसार कादर की तलाश बांग्लादेश की सुरक्षा एजेंसियां भी कर रही थीं.
आतंकियों की भर्ती करता था सज्जाद
एनआईए के सूत्रों के अनुसार, 21 वर्षीय सज्जाद अली मूल रूप से पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद का रहेने वाला है. सज्जाद पर आरोप है कि वह जमात-उल-मुजाहिद्दीन के लिए धन जुटाने से लेकर आतंकियों की भर्ती तक सभी काम करता था. सज्जाद को बर्दवान ब्लास्ट केस के मुख्य आरोपी कौसर और कादर काजी बेहद करीबी भी बताया जाता है. प्रारंभिक पूछताछ में सज्जाद ने बताया है कि वह सोशल मीडिया और इंस्क्रिप्टेड टेक्ट्स मैसेंजर के जरिए जेईएम के आतंकियों से संपर्क करता था.
2014 में भी आतंकी साजिश की फिराक में था जेईएम
सूत्रों के अनुसार, आरोपी कादर काजी विस्फोटक बनाने में माहिर था. एनआईए को इस बात के भी संकेत मिले हैं कि बोध गया में हुए ब्लास्ट के लिए विस्फोटक कादर ने तैयार किया था. एनआईए की जांच में सामने आया था कि दोनों आतंकी 2014 में बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे. साजिश को अंजाम देने के लिए आतंकी बर्दवान के एक घर में बम बना रहे थे, तभी वहां ब्लास्ट हो गया. इस ब्लास्ट में बांग्लादेशी आतंकी संगठन को आतंकी मारे गए थे, जबकि एक गंभीर रूप से जख्मी हो गया था.