नई दिल्ली। आईएनएक्सएक्स केस में सीबीआई ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध किया है. दिल्ली हाई कोर्ट में शुक्रवार को सीबीआई ने चिदंबरम को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की अनुमति मांगी. इस मामले में चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने सीबीआई की याचिका का विरोध किया. फिलहाल कोर्ट ने पी. चिदंबरम की अग्रिम जमानत अर्जी को रद्द करने की सीबीआई की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा है.
जांच एजेंसी का कहना है कि अगर चिदंबरम को जमानत दी गई तो उनसे पूछताछ करने में मुश्किल आएगी. इससे पहले सीबीआई ने चिदंबरम पर मुकदमा चलाने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी मांगी थी, जिसे केंद्र सरकार ने दे दी थी. इसके बाद चिदंबरम ने अग्रिम जमानत अर्जी की याचिका दाखिल की थी. वहीं, चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की विदेश यात्रा की इजाजत मांगे जाने वाली याचिका की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने 28 जनवरी तक के लिए टाल दी है.
सीबीआई ने लगाया जांच में सहयोग न करने का आरोप
जांच एजेंसी ने पूर्व वित्त मंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि बार बार बुलाए जाने के बावजूद भी वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और पूछे गए सवालों के जवाब टाल रहे हैं. लिहाजा जबतक पी चिदंबरम का कस्टोडियल इंटेरोगेशन नहीं होगा तब तक पी चिदंबरम इस मामले में एजेंसी को कुछ भी बताने को तैयार नहीं होंगे. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट को कहा कि आईएनएक्स मीडिया केस में पैसे का जो लेनदेन हुआ उसमें उस बैंक अकाउंट का प्रयोग किया गया जो कार्ति चिदंबरम से जुड़ा हुआ है. वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के माध्यम से पूरी डील को अंजाम दिया गया और उस दौरान कार्ति पी चिदंबरम के संपर्क में था.
चिदंबरम ने इंद्राणी और पीटर को बेटे से मिलने के लिए कहा था
सिविल कोर्ट को बताया है कि एफआईपीबी अप्रूवल खुद पी चिदंबरम की तरफ से आईएनएक्स मीडिया को दिए गए और उस पर उनके हस्ताक्षर भी हैं. पीटर मुखर्जी और इंद्राणी बैनर्जी ने भी सीबीआई को अपने बयान में बताया है कि पी चिदंबरम ने कंपनी के लिए स्वीकृति दिलाने से जुड़े काम के बेटे कार्ति चिदंबरम से बात करने को कहा था.
दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
पी. चिदंबरम को आई नेक्स मीडिया केस में जमानत दी जाए या नहीं इस पर आज सुनवाई पूरी करते हुए कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.पी चिदंबरम की तरफ से इस मामले में आज कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए. सीबीआई जहां इस मामले में पी चिदंबरम को जमानत का विरोध कर रही है वहीं चिदंबरम के वकीलों का कहना है कि जब भी जांच एजेंसी ने पूछताछ के लिए बुला रही है, वह जांच में सहयोग करने के लिए पहुंच रहे हैं.
क्या है मामला
आईएनएक्स केस में 15 मई 2017 को सीबीआई ने केस दर्ज किया था. सीबीआई ने चिदंबरम पर आरोप लगाया गया था कि 2007 में जब वह वित्त मंत्री थे, उस वक्त आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिलाने में कथित अनियमितता बरती गई. इस मामले में कथित रूप से 10 लाख रुपये हासिल करने के लिए चिदंबरम के बेटे कार्ती चिदंबरम को गिरफ्तार किया गया था. आईएनएक्स मीडिया कंपनी के तत्कालीन निदेशक इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी भी इस मामले में आरोपी हैं.
कार्ति की याचिका का भी सीबीआई ने किया था विरोध
वहीं, पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति ने अपनी याचिका में कहा था कि वह अगले कुछ महीनों के दौरान कई देशों (फ्रांस, स्पेन, जर्मनी और ब्रिटेन) की यात्रा करना चाहते हैं. कार्ति के मुताबिक, यह यात्राएं ‘टोटस टेनिस लिमिटेड’ नाम की कंपनी द्वारा आयोजित की जाने वाली विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के संदर्भ में होगी. कंपनी का पंजीकृत कार्यालय ब्रिटेन में है. सीबीआई ने इस याचिका का भी विरोध किया था. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 28 जनवरी तक के लिए सुनवाई टाल दी है.